आगरा में कोरोना विस्फोट पर प्रशासन ने नहीं दिया जवाब तो हाईकोर्ट ने जताई नारागी

Smart News Team, Last updated: Sat, 20th Jun 2020, 12:10 PM IST
  • कोरोना वायरस महामारी से आगरा में विस्फोटक स्थिति को देखते हुए अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
शासन-प्रशासन ने जवाब दाखिल करने को फिर मांगा समय

कोरोना वायरस महामारी से आगरा में विस्फोटक स्थिति को देखते हुए अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। मगर आगरा शासन और प्रशासन की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई के लिए 13 जुलाई तय की है। साथ ही विधिक सेवा प्राधिकरण से आगरा की सही स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अरुण कुमार दीक्षित ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस और प्रशासन की काफी अव्यवस्थाएं देखने को मिली। इलाज न मिलने पर कई लोगों की जान तक चली गई। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों को खाना तक नहीं मिला। वहां भी अव्यवस्थाएं हावी रहीं। लोग वीडियो वायरल करते रहे। प्रशासन ने ऑनलाइन डिलीवरी के जो नंबर जारी किए थे, उन पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

याचिका में यह भी कहा गया है कि जनता परेशान होती रही। कोरोना पीड़ित लोगों को उपचार नहीं मिला। एकाएक जांच कम कर दी गई। ताकि ज्यादा केस सामने न आएं। 12 जून को सुनवाई के दौरान शासन की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।

अधिवक्ता अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को डबल बेंच में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से पहुंचे अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने में असमर्थता जताई और कुछ और समय देने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण को आगरा की सही स्थिति व तथ्यों सहित रिपोर्ट देने को कहा है।

याचिकाकर्ता फोटो और आंकड़े कराएं उपलब्ध

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. अरुण कुमार दीक्षित और उनके अधिवक्ता अरविंद कुमार तिवारी से कहा कि वे अव्यवस्थाओं के फोटो और आंकड़े भी उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही जो पीड़ित हैं, उनकी जानकारी भी मय शपथ पत्र उपलब्ध कराएं।

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