कोरोना से जंग में आगरा ने बदली रणनीति, अब पहले सांस के मरीजों पर रहेगा फोकस
- कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए आगरा में अब सांस के मरीजों पर फोकस किया जाएगा। सांस के मरीजों की तलाश कर उनकी सूची तैयार होगी। उसके बाद सभी के सैंपल लिए जाएंगे।

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आगरा प्रशासन ने अपनी रणनीति में बदलाव करने का फैसला लिया है। कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए आगरा में अब सांस के मरीजों पर फोकस किया जाएगा। सांस के मरीजों की तलाश कर उनकी सूची तैयार होगी। उसके बाद सभी के सैंपल लिए जाएंगे। अभी तक मिले संक्रमितों में सांस के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इनमें से अधिकतर लोग घनी आबादी वाले इलाकों में मिले हैं।
दरअसल, तीन महीने से अधिक समय से कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना का कहर आगरा में इस कदर बढ़ गया है कि शहर के हर इलाके से कोविड-19 के संक्रमित मिल रहे हैं। इनमें 75 फीसदी लोगों में सांस की बीमारी पाई गई है। जब इन लोगों को भर्ती कराया जाता है तो इनकी स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। इसलिए प्रशासन अब इन लोगों को पहले से ही चिन्हित कर इनका इलाज शुरू कराना चाहता है, जिससे समय रहते ही इनको सही इलाज मिल सके। यही नहीं कोरोना से हुई मौतों में भी सांस की बीमारी के लोग ही ज्यादा शामिल हैं।
प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में सांस की बीमारी वाले संक्रमित घनी आबादी वाले क्षेत्रों के निकले हैं। सांस की बीमारी के कारण इनसे अन्य लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। प्रशासन ने इन इलाकों से सांस की बीमारी वाले लोगों की सूची तैयार कर उनकी सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया है।
इस मामले में जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा कि हर स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। उसी दिशा में सांस के मरीजों को भी तलाश कर उनकी सैंपलिंग करा दिए जाने से काफी स्थितियां साफ हो जाएंगी।
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