आगरा बस हाईजैक मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रदीप गुप्ता को पकड़ा,साथी फ़रार
- आगरा पुलिस ने गुरूवार तड़के बस हाइजेक करने के मामले में मुख्य आरोपी प्रदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इससे पहले आरोपी और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें प्रदीप के पैर में गोली लगी जबकि उसका साथी फरार है.
आगरा.आगरा के दक्षिणी बाइपास पर मंगलवार की रात को 34 सवारियों से भरी बस को हाईटेक करने के मामले में पुलिस ने गुरुवार की सुबह हाईजैक करने वाले प्रदीप गुप्ता को पकड़ा है. एसओजी और क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे फतेहाबाद क्षेत्र में घेरा. इसके बाद इसके बाद पुलिस और प्रदीप के बीच फायरिंग हुई, जिसमें प्रदीप के पैर में गोली लगी है. मुठभेड़ में स्वाट टीम का एक सिपाही सुदर्शन भी घायल हुआ है. आरोपी प्रदीप का कहना है कि उसे बस मालिक से 65 लाख रूपये लेने थे. लेकिन बस का मालिक मर गया. इसलिए उसने बस को हाईजैक किया था.
जानकारी के अनुसार मंगलवार रात को बदमाशों ने यात्रियों से भरी बस का अपहरण किया था. बुधवार को सुबह छह बजे चालक और परिचालक ने मलपुरा थाने में इस घटना की सूचना दी. इस घटना से आगरा से लखनऊ तक सनसनी फैल गई. खाली बस इटावा में मिली. सवारियों को दूसरी बस में बैठा दिया गया था और वह छतरपुर (मध्य प्रदेश) पहुंच गई.
आगरा: बस मालिक की कोरोना से हुई मौत तो कर्ज देने वाले ने किया बस को हाइजैक
बस के परिचालक रामविशाल ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ डकैती और अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था.जब पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो इसमें जैतपुर निवासी प्रदीप गुप्ता का नाम सामने आया. सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज के आधार पर पुलिस ने फिरोजाबाद,आगरा और इटावा में इसकी तलाश में दबिश दी. शाम को प्रदीप की एक गाड़ी कचौरा घाट, चित्राहट में मिली थी.
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर पलटी बस, 16 यात्री गंभीर रूप से घायल
पुलिस के अनुसार प्रदीप गुप्ता वर्ष 2018 में भी इटावा में समानांतर आरटीओ कार्यालय चलाने के आरोप में जेल गया था. गुरुवार की सुबह करीब पांच बजे प्रदीप अपने साथी के साथ भलोखरा चौराहे से बाइक पर जा रहा था. वह पुलिस से बचने के लिए आगरा से बाहर जाना चाहता था. लेकिन इससे पहले ही क्राइम ब्रांच, एसओजी और कई थानों के पुलिस फोर्स ने उसकी घेराबंदी कर ली. आरोपी की ओर से पुलिस पर फायरिंग भी की गई. मुठभेड़ में प्रदीप के दाहिने पैर में गोली लगी. इसके बाद वह बाइक से गिर गया, जबकि उसका साथी मौके से भाग गया. पुलिस को प्रदीप के पास से चोरी की बाइक और तमंचा कारतूस भी मिलें हैं. घटना की जानकारी पर एसएसपी बबलू कुमार भी मौके पर पहुंच गए. प्रदीप को एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में भर्ती करा दिया गया है.
डॉक्टर योगिता गौतम मर्डर केस: शाम को आगरा में था आरोपी विवेक तिवारी, हिरासत में
पूछताछ के दौरान प्रदीप ने पुलिस को बताया कि वह बस मालिक अशोक अरोड़ा को कई सालों से जानता था. उनकी सभी बसों का टैक्स जमा किया करता था. उसे अशोक से अपने 65 रुपए चाहिए थे. इसके लिए उसने अशोक से रुपयों की मांग भी की. लेकिन इस बीच अशोक अरोड़ा की मौत हो गई. उसने मंगलवार को बस को पहले सैंया टोल पर पकड़ने का प्रयास किया. लेकिन बस गुरुग्राम चली गई. वह अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा. पर सब गुरुग्राम में भी मौका नहीं मिला. तब उसने सोचा कि आगरा में बस को कब्जा कर लेगा. आगरा तक बस के पीछे गया और दक्षिणी बाइपास पर फाइनेंस कर्मी बनकर बस का अपहरण कर लिया. इसके बाद उसने सवारियों को तो दूसरी बस में बैठाकर आगे तक भेज दिया और बस को इटावा में खड़ा कर दिया. बाद में उसे जानकारी हुई कि मामला बहुत ऊपर तक पहुंच गया है. पुलिस उसके पीछे लग गई है. इसलिए वह छिप गया और आगरा से भागने की फिराक में था.
अन्य खबरें
डॉ. योगिता गौतम मर्डर केस: कोविड महिला की डिलीवरी टीम में शामिल थीं योगिता
डॉक्टर योगिता गौतम मर्डर केस: विवेक तिवारी ने बताया, क्यों प्रेमिका की हत्या
डॉक्टर योगिता गौतम मर्डर केस: विवेक तिवारी ने बताया कैसे घर से ले जाकर की हत्या
डॉक्टर योगिता गौतम मर्डर केस: विवेक तिवारी का एकतरफा प्यार, शादी से इनकार, हत्या