आगरा में बदहाल इंतजाम, खुद मरीज बता रहे कोरोना स्टेटस, घंटों में होती है भर्ती
- ताजनगरी में कोरोना खतरनाक रूप ले सकता है क्योंकि यहां का स्वास्थ्य विभाग बदइंतजामी का शिकार है.

आगरा. ताजनगरी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सेवाएं चौपट होती जा रही हैं. एक कोरोना मरीज को भर्ती करने में कई घंटे लगा दिए जाते हैं. मरीज को एंबुलेंस ले जाती है तो तत्काल सेनेटाइजेशन नहीं कराया जाता. उसे कराने में भी 6 से 8 घंटे का समय लग रहा है. इतने बड़े जिले में सिर्फ 8 एंबुलेंस से काम चलाया जा रहा है. जबकि जरूरत कम से कम 20 एंबुलेंसों की है. सीएमओ ने इस बाबत शासन को पत्र भी लिखा है.
जिले में कोरोना का रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही. एक तो पहले ही लोग न सोशल डिस्टेंसिंग न मास्क का सही इस्तेमाल करते दिखते हैं तो दूसरा शहर के अस्पतालों की हालात.
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अगर कोई कोविड मरीज फोन कर अपने संक्रमित होने की सूचना देता है तो उसे लेकर आने में कई घंटो लगा दिए जाते हैं. वहीं मरीज और उसका परिवार एंबुलेंस के इंतजार करते करते खौफ में पल गुजारते हैं.
घंटों बाद अगर एंबुलेंस मरीज को ले जाती है तो उस जगह का तत्काल सैनिटाइजेशन नहीं कराया जाता. इसमें भी 4-6 घंटे लगा दिए जाते हैं जबकि इसमें देरी मरीज के परिवार वालों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज को तो भर्ती करा दिया जाता है जबकि उसके घरवालों का हाल कोई नहीं पूछता. उन बेचारों को खुद ही कोरोना टेस्ट कराने की सिफारिश के लिए भटकना पड़ता है.
ताजनगरी में कोरोना संक्रमितों की संख्या जिस तेजी के साथ बढ़ रही है, उसके अनुसार अस्पतालों में व्यवस्था सही न होना या स्वास्थ्य विभाग के मैनेजमेंट की कमी आगरा में कोरोना को बड़ा विस्फोट करवाने में सक्षम है.
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