लॉकडाउन से तबाह हुई कुलियों की जिंदगी, दिन भर में 100 रूपये भी नहीं हो रही कमाई
- कमाई नहीं होने की वजह से कुली जूता फैक्ट्री और मजदूरी करने लगे हैं, वहीं कुछ शहर से बाहर पलायन कर गएहैं ।

आगरा. कोरोना वायरस की वजह से देश में लगे लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। रेलवे स्टेशन पर काम करने वले कुलियों पर भी लॉकडाउन का असर देखने को मिला कोरोना काल में ट्रेनों की संख्या कम होने से रेलवे स्टेशन का काम करने कुलियों की दिन भर की कमाई 100 रूपये भी नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि कुली जूता फैक्ट्री और मजदूरी करने को मजबूर हैं ।
आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, राजामंडी व ईदगाह स्टेशनों पर लगभग 200 कुली कार्यरत हैं। कोरोना की वजह से रेलवे सिर्फ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर रही है। 12 अगस्त तक रेलवे की तरफ से बाकी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। आगरा और आसपास के स्टेशनों पर 15 फीसदी ही ट्रेन चल रही है, जिसकी वजह से यहां आने वाले यात्री सीमित हैं।
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यात्रियों की संख्या कम होने के कारण कुलियों को पर्याप्त मजदूरी नहीं मिल रही है। एक कुली मुश्किल से 100 रूपये या उससे कम ही कमा पा रहे हैं। मजबूर होकर कुली जूता फैक्ट्री और मजदूरी के काम में लग गये हैं।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च से लॉकडाउन है। लॉकडाउन के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया, जिसके बाद कुली घर बैठ गए। रेलवे ने12 मई से 30 स्पेशल राजधानी और 1 जून से 100 जोड़ी स्पेशल स्लीपर ट्रेनों का संचालन शुरू किया, इनमें 20 ट्रेनें ही आगरा रूकती है। यात्रियों की सीमित संख्या होने से कुलियों की कमाई नहीं हो पा रही है। आगरा कुली एसो. से जुड़े अनिल शर्मा ने बताया कि कुलियों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। रेलवे को उनकी मदद करनी चाहिए।
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