गर्भवती महिलाओं के लिए संकट बना कोरोना काल, इन बातों का रखें ध्यान

Smart News Team, Last updated: Mon, 15th Jun 2020, 3:06 PM IST
  • गर्भवती महिलाओं को कोरोना लॉकडाउन में सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी में अधिकतर महिलाएं घबराहट और बेचैनी का शिकार हैं।
कोरोना लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं पर काफी असर पड़ा रहा है।

आगरा. कोरोना लॉकडाउन में महिलाओं को सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें अधिकतर महिलाएं घबराहट और बेचैनी का शिकार हैं। काउंसिलिंग के लिए आ रही महिलाओं में संक्रमण का तनाव, अनियमित दिनचर्या और पौष्टिक आहार न लेने जैसी वजह सामने आई हैं। अब अनलॉक 1 में लोगों की आवाजही बढ़ी है जिससे गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का ज्यादा खतरा पैदा हो गया है।

नवदीप हॉस्पिटल की निदेशक डॉ. अनुपमा शर्मा गर्भवती महिलाओं की काफी संख्या में काउंसिलिंग कर रही हैं। काउंसिलिंग में सामने आया कि 70 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को बेचैनी और घबराहट की समस्या है। इसके पीछे कोरोना के संक्रमण का डर, गर्मी अधिक होने के बाद भी पानी का सेवन कम करना, पौष्टिक आहार और फल का सेवन कम करने जैसे कारण हैं।

डा. अनुपमा के अनुसार, ऐसे में माहौल में गर्भवती महिलाएं दाल, टमाटर, पनीर, छैना का इस्तेमाल करें जिससे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन की उनके शरीर में पहुंच सके। इसके साथ ही अपने आराध्य से प्रार्थना करें, इससे मनोबल बढ़ेगा।

यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से दिसंबर 2020 तक देश में करीब 2.4 करोड़ डिलीवरी होनी है। इसलिए जरूरी है कि हर स्तर पर सावधानी बरती जाए। स्टडी में यह देखा गया है कि 28 सप्ताह के गर्भधारण यानी थर्ड सेमेस्टर में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इस दौरान घर से बेवजह बाहर निकलने से बचें।

बीमारी में समय से पहले प्रसव खतरनाक

पिछले पांच दिनों में जिला महिला चिकित्सालय में पांच केस ऐसे हुए जिनमें समय से पहले महिलाओं को प्रसव हुए हैं। बच्चों को एसएनसीयू में रखा गया है। डा. कल्याणी मिश्रा ने बताया कि गर्मी और तनाव लोगों में बहुत बढ़ रहा है। जिसकी वजह से ये परेशानियां सामने आई हैं।

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