ताजनगरी में खुशखबरी: SNMC में प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ पहला कोरोना मरीज

Smart News Team, Last updated: Fri, 24th Jul 2020, 10:08 AM IST
  • आगरा के रवि चतुर्वेदी ने प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना को मात दे दी है। 
कोरोना को मात देने वाले रवि चतुर्वेदी (बीच में)

कोरोना काल में ताजनगरी से एक अच्छी खबर है। कोविड काल में एसएनएमसी के हिस्से एक और उपलब्धि आई है। गुरुवार को अस्पताल से प्लाज्मा थेरेपी के बाद ठीक हुआ पहला मरीज डिस्चार्ज किया गया। डॉक्टरों ने उसे तालियां बजाकर अस्पताल से विदा किया। इस बेहद संवेदनशील मरीज को आईसीएमआर की अनुमति के बाद प्लाज्मा दिया गया था। दो खुराक के बाद मरीज स्वस्थ हो गया।

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हलवाई की बगीची सिविल लाइन निवासी 51 साल के रवि चतुर्वेदी कोविड-19 से संक्रमित थे। उन्हें निमोनिया हो गया था। यह खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। इस कारण उनकी सांस लेने की प्रक्रिया लगभग खत्म हो चुकी थी। उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन पर रखा था। एल-2 श्रेणी के गंभीर मरीज को छह लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट दी जा रही थी। लिहाजा अस्पताल ने प्राण रक्षा के लिए प्लाज्मा थेरेपी देने का फैसला लिया।

आईसीएमआर प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल के तहत इंटर्वेशन ग्रुप में आने पर इन्हें चुना गया। नौ जुलाई को 200 एमएल की पहली खुराक दी गई। इसके अगले दिन दूसरी डोज दी गई। धीरे-धीरे कृत्रिम ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होती गई। 12 जुलाई को कोविड टेस्ट भी कराया गया। यह नेगेटिव आया था। 14 जुलाई को ऑक्सीजन पूरी तरह हटा ली गई।

इसके बाद वे आराम से सांस लेने लगे। पूरी तरह ठीक होने के बाद गुरुवार शाम नोडल अफसर डॉ. प्रशांत गुप्ता, डॉ. अखिल प्रताप सिंह, डॉ. आकांक्षा सिंह समेत डॉक्टरों की टीम ने उन्हें तालियों के बीच घर रवाना किया। प्लाज्मा थेरेपी कोविड अस्पताल के डॉ. अजीत सिंह चाहर, ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. नीतू सिंह के निर्देशन में कराई गई। बता दें कि अभी तक एसएनएमसी के लिए 12 दाताओं ने प्लाज्मा दान किया है।

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स्वस्थ होने वाले कोरोना मरीज रवि चतुर्वेदी ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरी बहुत अच्छी देखभाल और इलाज किया है। मुझे दूसरा जीवनदान दिया है। उनका यह एहसान मैं नहीं भूल पाऊंगा। सभी डॉक्टरों और स्टाफ को बहुत धन्यवाद।

वहीं, एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ संजय काला ने कहा कि डॉक्टरों की टीम ने इनकी देखभाल के अलावा सही फैसला लेकर आईसीएमआर से प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति ली थी। थेरेपी के बाद मरीज पूरी तरह ठीक हो गए हैं। अब इन्हें डिस्चार्ज किया गया है।

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