कोरोना पर गलत जानकारी देने वालों की खैर नहीं, महामारी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
- आगरा में कोरोना वायरस का सैंपल देने के समय संबंधित व्यक्ति ने अगर गलत जानकारी दी तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

खतरनाकर कोरोना वायरस को लेकर गलत जानकारी देने वालों की अब खैर नहीं है। आगरा में कोरोना वायरस का सैंपल देने के समय संबंधित व्यक्ति ने अगर गलत जानकारी दी तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने सोमवार को यह आदेश जारी कर दिया।
दरअसल, आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने सोमवार के अंक में ‘संक्रमित कोई बीपी किसी और का बढ़ रहा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में सैंपल देने जाने वाले व्यक्ति द्वारा फार्म पर सही जानकारी न भरने से रेस्क्यू की टीम को होने वाली समस्या को उजागर किया गया था।
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हिन्दुस्तान का असर
हिन्दुस्तान के इस खबर का जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया। उन्होंने सोमवार को आदेश जारी किया कि कोई भी व्यक्ति सैंपल देने के बाद अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं करेगा और ना ही बिना सूचना के जिले से बाहर जाएगा।
आदेश में क्या-क्या है
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कुछ प्रकरणों में फार्म पर सही पता और मोबाइल नंबर अंकित नहीं किए जाने की जानकारी भी मिली है। जिसके कारण चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों को संबंधित मरीज को खोजने में काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सैंपल देने के बाद संबंधित व्यक्ति उसका परिणाम प्राप्त होने तक और 36 घंटे तक जो भी पहले हो का पालन करेगा। जनपद के बाहर नहीं जाएगा। साथ ही मोबाइल फोन भी नहीं बंद करेगा। उन्होंने कहा कि सैंपल देने वाले व्यक्ति को अपनी सही जानकारी फार्म में भरनी होगी। आदेशों का उल्लंघन करने पर महामारी अधिनियम 1987 एवं आईपीसी के निहित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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