आगरा में नगर निगम के दस्तावेजों को कुतर गए चूहे तो पार्षद ने जताई साजिश की आशंका
- आगरा नगर निगम में रखे पुराने दस्तावेजों को चूहों ने कुतर दिया है. इसके साथ ही कुछ रिकॉर्ड इतने ज्यादा गल गए हैं कि उन्हें समझने में तो परेशानी हो ही रही है, साथ ही पन्ना पलटते ही कागज भी फट रहे हैं. वहीं, इस मामले को लेकर स्थानीय पार्षद ने साजिश की आशंका जताई है.

आगरा| आगरा में लापरवाही का अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है. दरअसल, आगरा नगर निगम में रखे पुराने दस्तावेजों को चूहों ने कुतर दिया है. इसके साथ ही कुछ रिकॉर्ड इतने ज्यादा गल गए हैं कि उन्हें समझने में तो परेशानी हो ही रही है, साथ ही पन्ना पलटते ही कागज भी फट रहे हैं. बताया जा रहा है कि कमरे में अधिक सीलन होने के कारण दस्तावेजों की यह हालत हुई है.
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नगर निगम से जुड़े इस ऑफिस में 1987 से 1992 तक की जमीन के दाखिला खारिज का रिकॉर्ड रखा गया था. लेकिन चूहों के खुतरने और कागजों के गल जाने के बाद दाखिरा खारिज की रिपोर्ट लगवाने वालों को आगे चलकर परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक छत्ता जोन में सबसे ज्यादा पुरानी संपत्तियों के रिकॉर्ड रखे गए हैं और इनमें से ही ज्यादातर दस्तावेज गल चुके हैं. ऐसे में पीपल मंडी के पार्षद रवि माथुर ने नगर निगम के पुराने रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि इन दस्तावेज को सहेजने की जरूरत है, वरना निगम की जमीनों पर हुई गड़बड़ियों का पता ही नहीं चल पाएगा
इस मामले को लेकर पार्षद शिरोमणि सिंह ने साजिश की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से नगर निगम के पुराने रिकॉर्ड को खराब होने के लिए छोड़ दिया गया है, उसमें किसी साजिश की बू आ रही है. नगर आयुक्त और मेयर तत्काल पुराने रिकॉर्ड को डिजिटल करा कर संरक्षित करें वरना निगम की करोड़ों की जमीन मिट्टी में मिल जाएगी. इससे इतर नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि पुराने सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. कोशिश की जाएगी की सभी जरूरी दस्तावेजों को डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाए.
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