कानपुर कांड असर: SP सरकार में बोला करती थी तूती,थाने पर पीता था चाय, किया सरेंडर

Smart News Team, Last updated: Sat, 18th Jul 2020, 11:22 AM IST
  • अपराधियों से पुलिस का याराना होता है। कानपुर कांड के बाद यह फिर जगजाहिर हो गया है। पुलिस से याराना निभाने वाले एत्मादुद्दौला के हिस्ट्रीशीटर मोनू यादव ने शुक्रवार को कोर्ट में समर्पण किया।
Gangster Monu Yadav

अपराधियों से पुलिस का याराना होता है। कानपुर कांड के बाद यह फिर जगजाहिर हो गया है। पुलिस से याराना निभाने वाले एत्मादुद्दौला के हिस्ट्रीशीटर मोनू यादव ने शुक्रवार को कोर्ट में समर्पण किया। कानपुर कांड के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की थी। इधर पुलिस तलाश करती रही और वह आराम से कोर्ट पहुंच गया।

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कानपुर कांड का दिखा असर

एत्मादुद्दौला के नगला रामबल निवासी हिस्ट्रीशीटर मोनू यादव के खिलाफ 22 से अधिक मुकदमे हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई नहीं हुई थी। कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद यहां भी पुलिस हरकत में आई। मोनू यादव के खिलाफ एत्मादुद्दौला थाने में चौथ वसूली के दो मुकदमे दर्ज हुए। इसके बाद 14 जुलाई को पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा लिखा। मुकदमे में उसका भाई सोनू यादव और साथी आशीष चौधरी भी नामजद हैं।

पुलिस देखती रह गई, पहुंच गया कोर्ट

पुलिस की दबिश से पहले इस बार भी उसने शहर छोड़ दिया। पुलिस देखती रह गई, वह कोर्ट पहुंच गया। उसे कैसे पता चला कि उसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा लिखा जा रहा है। क्राइम ब्रांच टीम और थाना पुलिस तलाश में लगी थी। उसने उत्तर प्रदेश ही छोड़ दिया। शुक्रवार को सुबह नौ बजे ही वह दीवानी पहुंचा। 250 किलोमीटर दूर से गाड़ी चलाकर आया।

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दर्जनभर से अधिक पुलिसवाले हैं दोस्त

गैंगस्टर मोनू यादव की जिले के एक दर्जन पुलिसकर्मियों से दोस्ती है। सपा सरकार में तूती बोलती थी। थाने में बैठकर चाय की चुस्कियां लेता था। कानपुर कांड से पहले तक थाने में उसके खिलाफ शिकायत आते ही उसके पास फोन पहुंच जाया करता था। भाजपा सरकार में कई घटनाओं में उसका नाम आया। मुकदमे दर्ज हुए मगर पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई। साल 2018 में पुलिस ने उसे पकड़कर जेल भेजा था। इसके अलावा वह जब भी जेल गया, अपनी मर्जी से गया। कोर्ट में समर्पण किया। कानूनी दांवपेंच में वह मास्टर है।

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