आगरा में बर्बादी की कगार पर खड़े आलू किसान, भाव नहीं मिलने से बढ़ रही चिंता

Smart News Team, Last updated: Fri, 13th Aug 2021, 12:53 PM IST
  • आगरा में आलू के रेट बढ़ने का नाम नहीं ले रही है. दामों में इजाफा न होने से आलू किसानों की चिंताए बढ़ने लगी है. किसानों कोल्ड स्टोर में रखा अपना आलू भी नहीं निकाल रही है, जबकि 30 अक्टूबर कोल्ड स्टोर का खाली करने का समय है.
आगरा में आलू का रेट नहीं बढ़ने से किसानों की बढ़ रही चिंताएं.( सांकेतिक फोटो )

आगरा: ताजनगरी आगरा में आलू उत्पादन करने वाले किसानों पर इस साल बर्बादी की कगार पर खड़े है. आगरा में आलू की डिमांड में दिन-प्रतिदन की गिरावट आ रही है. किसानों के पास स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है, जबकि मंडियों में आलू की डिमांड बढ़ने का नाम नहीं ले रही है. वर्तमान में आलू 400-550 रुपये के भाव बिक रहा हैं. मिली रही जानकारी के अनुसार, आगरा में किसानों ने 5.50 करोड़ आलू पैकेट को कोल्ड स्टोर में भंडारित किए था. इस स्थिति से आगरा के किसान परेशान नजर आ रहे है.

जानकारी के अनुसार, आगरा के किसानों ने इस साल 78 हजार हेक्टेयर भूमि पर आलू उत्पादन किया था. किसानों का कहना है कि मार्च और अप्रैल वैश्विक महामारी कोरोना में निकल गई. जबकि मई, जून, जुलाई किसानों ने भाव में बढ़ोत्तरी की आस में गुजार दिया, लेकिन स्थिति अभी भी शुधार में आती नजर नहीं आ रही है. प्रगतिशील किसान युवराज सिंह परिहार ने बताया कि वर्तमान में आलू 400-550 रुपये पैकेट तक बिक रहा है। मगर, निकासी बहुत धीमी गति से चल रही है. किसानों की चिंता इस बात की भी है कि उनके पास कोल्ड स्टोर से आलू निकालने के लिए 30 अक्तूबर का ही समय है.

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आगरा कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन बंसल ने बताया कि आलू निकासी के लिए किसानों के पास अब अधिक समय नहीं बचा है. 30 अक्तूबर तक किसानों के आलू की निकासी हो जानी चाहिए. मगर, 13 अगस्त तक कोल्ड स्टोर से 33 फीसदी आलू की निकासी भी नहीं हो सकी है, जबकि नियमानुसार इस समय तक 50 फीसदी से शीतगृह खाली हो जाने चाहिए. ऐसे में किसानों के पास ढाई महीना शेष है. उन्होंने कहा, कि पहले आगरा के आलू किसान अपने आलू को महाराष्ट्र, तमिलनाड़ू, कनार्टक, आंध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और नोएडा तक भेजते हैं, कोरोना के कारण डिमांड न होने से किसान परेशान है.

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