रक्षाबंधन पर चीन को झटका देने की तैयारी में आगरा की आत्मनिर्भर बेटियां

Smart News Team, Last updated: Mon, 27th Jul 2020, 2:00 PM IST
  • गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत पर दुखी ताजनगरी आगरा की बेटियां अब रक्षाबंधन पर चीन को झटका देने जा रही हैं. चीन के लिए चाहे झटका बड़ा ना हो लेकिन बूंद-बूंद करके ही घड़ा भरता है. इसी वजह से आगरा की बेटियां आत्मनिर्भता की मिसाल पेश कर रही हैं.
इस बार सिर्फ मेड इन इंडिया राखी

आगरा. गलवान घाटी की खूनी झड़प के बाद ताजनगरी की बेटियों में चीन के खिलाफ गुस्सा है. इसलिए इस बार रक्षाबंधन पर चीन को छोटा ही सही लेकिन झटका देने की तैयारी है. लोकल फॉर वोकल के तर्ज पर आ रहे राखी के त्योहार पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर सिर्फ मेड इन इंडिया ही राखी बांधेगीं. जिले के बेटियां चीनी समान को बहिष्कार कर चीन को झटका देने की पिछले एक महीने से तैयारी कर रही हैं.

गौरतलब है कि हर साल रक्षाबंधन पर चीन के कुंदन और अन्य सामान का इस्तेमाल किया जाता था. इस बार रेशम के धागों के अलावा मोती, नग आदि के प्रयोग से राखियां तैयार की जा रही हैं. कोरोना काल में कारीगरों की कमी है लेकिन फिर भी जरूरत भर माल तैयार है. शहर में स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने भी काफी संख्या में राखियां तैयार की हैं जो बाजारों में बिकने लगी हैं.

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आगरा की रहने वाली ज्योतिका पिछले कई सालों से राखियों का कारोबार कर रहीं हैं. इस साल रेशम के धागे से डिजायन, क्यूलिंग राखी पर जोर दिया जा रहा है. ऑर्डर पर भाई की फोटो भी राखी पर लगाई जा रही है. साथ ही कोरोना की वजह से होम डिलीवरी का भी ऑप्शन दिया जा रहा है.

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वहीं पिछले पांच सालों से कमलानगर निवासी पूर्ति राखी बनाने का काम कर रहीं हैं. उनकी राखियां मुंबई, दिल्ली, जयपुर भी जाती हैं. कोरोना की वजह से माल में दिक्कत को है लेकिन जरूरत के अनुसार मिल गया. खास बात है कि इस बार चीन का मेटेरियल भी इस्तेमाल नहीं किया है.

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