वकीलों का बड़ा फैसला, पाक की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों का नहीं लड़ेंगे केस

Swati Gautam, Last updated: Sat, 30th Oct 2021, 2:52 PM IST
  • टी-20 विश्वकप के मुकाबले में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले जिन तीन कश्मीरी छात्रों ने जश्न मनाया था और देश विरोधी नारे लगाए थे उनके लिए आगरा के वकीलों ने फैसला किया है कि वे उन कश्मीरी छात्रों की किसी भी तरह की कोई भी कानूनी मदद नहीं करेंगे. कोई वकील उनकी मदद के लिए आगे आता है तो उसका बहिष्कार करेंगे.
वकीलों का बड़ा फैसला, पाक की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों का नहीं लड़ेंगे केस. file photo

आगरा. आईसीसी टी-20 विश्वकप के मुकाबले में पाकिस्तान की जीत के बाद बिचपुरी स्थित आरबीएस टेक्निकल कैंपस में जिन कश्मीरी छात्रों ने जश्न मनाया और देश विरोधी नारे लगाए थे उनके लिए आगरा के वकीलों ने यह ऐलान किया है कि वे उन कश्मीरी छात्रों की किसी भी तरह की कोई भी कानूनी मदद नहीं करेंगे साथ ही कोई वकील उनकी मदद के लिए आगे आता है तो उसका बहिष्कार करेंगे. बता दें कि गुरुवार को अदालत ने तीनों कश्मीरी छात्रों को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस कैंपस में पढ़ने वाले अन्य कश्मीरी छात्रों पर भी नजर रखे हुए हैं. साथ ही मुकदमे में राष्ट्रद्रोह की धारा भी बढ़ाई गई है.

वकीलों का कहना है कि भारत का संविधान सभी को साथ रहने की आजादी देता है. इसका मतलब ये नहीं कि व्यक्ति देश विरोधी कृत्य करे. भारत सरकार चाहती है कि कश्मीर के छात्र मुख्य धारा में आएं और बेहतर शिक्षा प्राप्त करें इसलिए उन्हें स्पेशल स्कीम के तहत आगरा में पढ़ने भेजा है लेकिन अभी भी उनकी निष्ठा पाकिस्तान के प्रति है. इसलिए हम इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई चाहते हैं. वकीलों ने फैसला लेते हुए आगे कहा कि इन कश्मीरी छात्रों की कोई वकील मदद नहीं करेगा साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई होनी चाहिए.

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'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने और पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में पुलिस ने कश्मीरी छात्र अरशीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनी को गिरफ्तार किया है. 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत आगरा के आरबीएस इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस में पढ़ने वाले इन तीन कश्मीरी छात्रों ने सोशल मीडिया पर पाक की जीत का जश्न मनाया था. इसके बाद जब आरोपियों को अदालत में पेश करने के लिए ले जाया गया था तो कुछ वकीलों ने कश्मीरी छात्रों पर हमला भी किया था.

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