आगरा मेट्रो ने दिया चीन को बड़ा झटका, जानें कैसे 'मेक इन इंडिया' को मिलेगी ताकत

Smart News Team, Last updated: Sat, 4th Jul 2020, 9:46 AM IST
  • आगरा मेट्रो ने भी दिया चीन को झटका, चीन की कंपनी को पहले राउंड में अयोग्य करा दिया, चार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने डाला था टेंडर।
मेक इन इंडिया की मुहिम को ताकत देगी आगरा मेट्रो

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने आगरा और कानपुर मेट्रो परियोजनाओं के लिए मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) की सप्लाई, टेस्टिंग और कमिशनिंग के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का करार भी भारतीय कंपनी मैसर्स बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। आगरा और कानपुर दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कार या कोच होंगे, जिनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी। एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी यानी प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे। चीन की कंपनी तो तकनीकी बिड में ही अयोग्य घोषित हो चुकी थी।

इस काम के लिए 18 फरवरी को चार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। इसके बाद, विस्तृत तौर पर इन निविदाओं का तकनीकी आकलन किया गया, जिसके बाद बिड में शामिल चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। फाइनेंशियल बिड के लिए तीन बिडर्स को चुना गया और सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी मैसर्स बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लि. को शुक्रवार को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया गया। आगरा और कानपुर मेट्रो परियोजनाओं को मिलने वाली अत्याधुनिक ट्रेनों की सप्लाई कंपनी के सावली (गुजरात) स्थित प्लान्ट से होगी। केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को भी इससे ताकत मिलेगी।

65 सप्ताह में मिल जाएगी (रोलिंग स्टॉक) मेट्रो रेल

यूपीएमआरसी ने लखनऊ की ही तर्ज पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए एकीकृत टेंडरिंग की प्रक्रिया अपनाई। देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था। यह प्रयोग सफल रहा और जिसके लिए यूपीएमआरसी को प्रशस्ति मिली। एकीकृत टेंडरिंग की बदौलत समय की बचत हुई और लखनऊ मेट्रो को 64 सप्ताह के रिकॉर्ड समय में पहला रोलिंग स्टॉक (मेट्रो ट्रेन) मिला। कानपुर और आगरा में पहले मेट्रो ट्रेन सेट की सप्लाई के लिए 65 सप्ताह की समय सीमा तय की गई है।

80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी आगरा मेट्रो

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, कानपुर और आगरा के लिए प्रस्तावित मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की खास बात यह है कि दोनों ही जगहों पर दो स्टेशनों के बीच की दूरी काफी कम (लगभग 1 किमी.) है। साथ ही, यहां पर जो मेट्रो ट्रेनें चलेंगी उनकी गति सीमा 80 किमी./घंटा निर्धारित की गई है, जबकि मेट्रो ट्रेनों की अधिकतकम क्षमता 90 किमी./घंटा होगी। इसके अलावा, ट्रेनों के ऑपरेशन कंट्रोल के लिए लखनऊ की ही तर्ज पर कानपुर और आगरा में भी सीबीटीसी यानी कम्युनिकेशन आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम और कॉन्टीन्युअस ऑटोमैटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीएटीएस) होगा।

लॉकडाउन के बाद कानपुर में एकबार फिर से पूरे जोर के साथ सिविल निर्माण कार्य शुरू करने के बाद, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम के टेंडरिंग की प्रक्रिया का पूरा होना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि कानपुर और आगरा की जनता का मेट्रो सेवाओं का सपना भी अब जल्द ही पूरा होगा।

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें