SC से आगरा मेट्रो को मंजूरी, दो फेज में होंगे रेल प्रोजेक्ट के सिविल वर्क टेंडर

Smart News Team, Last updated: Thu, 23rd Jul 2020, 8:59 PM IST
  • आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी के बाद काम अब तेजी से शुरू किया जाएगा. इसमें दो फेज में होंगे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के सिविल वर्क के टेंडर. इनमें एलीवेटिड के लिए अलग और अंडरग्राउंड के लिए अलग टेंडर दिए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट से आगरा मेट्रो को मंजूरी, दो फेज में होंगे रेल प्रोजेक्ट के सिविल वर्क टेंडर

आगरा मेट्रो रेल परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिल गई है. पिछले चार महीनों से मेट्रो का काम जैसे अनुमति लेना और टेंडर का काम सब कोरोना के कारण रुका हुआ था. अब उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने जमीन हस्तांतरण और सिविल वर्क के टेंडर की कार्यवाही को शुरू कर दिया है. कोरोना के कारण बर्बाद हुए समय की पूर्ति करने के लिए काम में तेजी लाई जाएगी. 

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट को सीईसी की सिफारिशों को लागू करने की शर्त पर अनुमति दी है. वहीं सूत्रों का कहना है कि आगरा मेट्रो के लिए दोनों कारीडोर के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है. सभी यूटिलिटीज का सर्वे भी हो चुका है. इसी के साथ ये भी जानकारी दी गई है कि मेट्रो रेल कारपोरेशन ने रेल सहित कई और विभागों के टेंडर जारी कर दिए हैं. 

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सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद सबसे अहम टेंडर सिविल वर्क के होंगे. कारपोरेशन ने सिविल वर्क के टेंडर के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है. बताया गया कि सिविल वर्क के टेंडर दो फेज में होंगे. दरअसल आगरा में एलीवेटिड स्टेशन और ट्रैक के लिए अलग और अंडरग्राउंड स्टेशन और ट्रैक के लिए अलग टेंडर दिए जाएंगे. टेंडर दिए जाते ही निर्माण कार्य शुरू करना होगा, इसिलए सबसे महत्वपूर्ण है कि मेट्रो के कारीडोर के साथ-साथ स्टेशनों और यार्ड की जमीन कारपोरेशन के हैंडओवर हो जाए. इसके लिए हैंडओवर की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. 

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पीएसी में प्रस्तावित मेट्रो यार्ड की जमीन के लिए पीएसी परिसर और विधि विज्ञान प्रयोगशाली की जमीन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. इसके साथ ढलाई के लिए यार्ड बनाने को जमीन का बंदोबस्त करना होगा. इस संबंध में मुख्य नगर नियोजक आरके सिंह का कहना है कि जमीन का हस्तांतरण प्रशासनिक स्तर पर होना है. इसके लिए कार्यवाही की जा रही है.

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