आगरा: सिर्फ पांच रुपये की वजह से नहीं मिल पा रही बच्चों की मिड-डे मील की राशि
- कोरोना काल में सरकारी आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा के परिषदीय स्कूलों के बच्चों को पिछले तीन महीनों से मिड-डे मील की कन्वर्जन कॉस्ट नहीं मिली है. मामला सिर्फ 5 रुपये पर अटका है.

आगरा. सिस्टम की ढील का खामियाजा मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. पिछले तीन महीनों से बेसिक शिक्षा के परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मील की कन्वर्जन कॉस्ट नहीं दी गई है. हालांकि सरकार ने कोरोना काल में भी कन्वर्जन कॉस्ट भेजने का निर्देश जारी किया था लेकिन ताजनगरी आगरा के स्कूलों में अभी तक ऐसा संभव नहीं होता नजर आ रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, शासन की ओर से शिक्षकों को निर्देशित किया जा चुका था कि बच्चों के माता-पिता का एकाउंट नंबर विभाग को भेजें. लेकिन शिक्षकों ने परिजनों के एकाउंट नंबर ही नहीं दिए. जिन स्कूलों के बच्चों के एकाउंट नंबर पहुंच गए उन बच्चों को कन्वर्जन कॉस्ट स्थानांतरित करने के लिए प्रति बच्चा पांच रुपये मांगे जा रहे हैं. किसी स्कूल में 100 बच्चे हैं, तो उन बच्चों तक कन्वर्जन कॉस्ट पहुंचाने के लिए 500 रुपये खर्चा करना होगा.
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परिषदीय स्कूल के एक प्रधानाध्यापक राजीव वर्मा ने बताया कि बैंक में जाते ही पहले पैसों की मांग की जाती है जबकि शासन की ओर से किसी भी तरह का शुल्क न वसूलने का आदेश है. पूरे जिले में 2 लाख 75 हजार बच्चे हैं जिनमें प्राथमिक स्कूल के बच्चों को 374 और उच्च प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए 561 रुपये देने हैं. शिक्षकों का कहना है कि यह भार शिक्षकों पर ही आएगा क्योंकि शासन की ओर से सिर्फ कन्वर्जन कॉस्ट भेजी है.
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