सरकार का पैसा आंख मूंदकर उड़ा रहे अफसर, सफाई कर्मचारी कम गाड़ियां ज्यादा
- आगरा नगर निगम में अफसरों ने सरकार का पैसा अपनी मर्जी से खर्च किया है. नगर निगम में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां जितनी है उतने उन्हें चलाने वाले सफाई कर्मचारी नहीं हैं.

आगरा में नगर निगम के अफसर पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं. अफसरों ने कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां खरीद लीं हैं लेकिन उन्हें चलाने वाले सफाई कर्मचारी नहीं हैं. ये गाड़ियां अब वार्ड कार्यालय और आइडीएच में पड़ी हुई हैं. बताया जा रहा है कि आगरा नगर निगम में सफाई कर्मचारियों के मुकाबले दोगुनी गाड़ियां हैं. दरअसल, अफसरों ने कमीशनखोरी के चलते गाड़ियां खरीद ली हैं.
नगर निगम में सौ वार्ड हैं जिनमें 4900 कर्मचारी हैं. इनमें एक वॉर्ड में 30, 50 या 60 सफाई कर्मचारी होते हैं. इनके लिए 1500 कूड़ा गाड़ियां और कई जालीदार रिक्शे खरीदे गए. साथ ही चार पहिया कूड़ा के बड़े वाहन भी खरीदे. लेकिन ये दो बार में खरीदे गए और संख्या कर्मचारियों के दोगुनी हो गई. यहां तक की निगम के कार्यालयों में इन्हें खड़े करने की जगह भी कम पड़ गई है.
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इसके अलावा नगर निगम ने 13 करोड़ रुपये से दो लाख के करीब डस्टबिन खरीदे थे. नियम के अनुसार मुफ्त डस्टबिन उन्हें ही दिया जाता है जिनका पूरा हाउस टैक्स जमा है. पिछले वित्तीय साल में इनकी संख्या 47 हजार के आसपास ही थी. अब बचे हुए डस्टबिन वार्ड कार्यालयों और आइडीएच में पड़े हैं. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मेयर नवीन जैन से की गई है. अगले महीने इस बात को सदन में भी उठाया जाएगा.
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नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की कमी है. ऐसे में रिक्त पदों पर भर्तियां होनी चाहिए. पार्षदों का कहना है कि रिक्त पदों पर भर्तियां होने से सफाई व्यवस्था में और भी सुधार आएगा. साथ ही जितनी कूड़ा गाड़ियों की खरीद की गई है उनका इस्तेमाल हो पाएगा.
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