आगरा में दबंगों ने नहीं होने दिया दलित महिला का अंतिम संस्कार, चिता से उठवाया शव
- आगरा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें छोटी जाति का हवाला देकर एक महिला के शव को चिता पर उठवाकर दूसरे श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने को मजबूर किया गया।
आगरा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें छोटी जाति का हवाला देकर एक महिला के शव को चिता पर उठवाकर दूसरे श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने को मजबूर किया गया। अछनेरा थाना के रायभा गांव में नट जाति की महिला के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया। विवाद ऐसा हुआ कि महिला के शव का दाह संस्कार रुकवा दिया गया। चिता से महिला का शव उठाकर दूसरे श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। विवाद के दौरान पुलिस मौजूद रही। गनीमत रही कि पुलिस के चलते मारपीट नहीं हुई। मंगलवार को वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला प्रकाश में आया।
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दरअसल, सोमवार सुबह गांव की नट समाज की महिला की मौत हो गई। दोपहर को परिवार और समाज के लोग उसके अंतिम संस्कार के लिए पास के श्मशान घाट में पहुंचे। इसके बाद श्मशान घाट में चिता बनाकर शव रख लिया। मुखाग्नि देने की तैयारी चल रही थी कि तभी गांव के कुछ लोग वहां आ गए।
गांव के कथित बड़ी जातियों के लोगों ने श्मशान को अपने समाज का बताते हुए नट जाति की महिला का अंतिम संस्कार रुकवा दिया। इन लोगों ने मृत महिला के घरवालों से कहा कि उनके समाज का श्मशान घाट दूसरी जगह पर है। वे छोटी जाति के हैं, इसलिए वे यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते।
विवाद बढ़ने पर ग्राम प्रधान के पति बनवारी जादौन ने महिला के परिजनों से बातचीत की। प्रधान पति ने उनसे कहा कि गांव में यह परंपरा वर्षों से चल रही है। सभी के श्मशान अलग हैं। वे भी इस नियम का पालन करें। भविष्य में उन्हें भी श्मशान के लिए जगह दी जाएगी। इसके लिए ग्राम समाज की जमीन चिन्हित की जाएगी।
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इस बीच सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पूरे विवाद के दौरान पुलिस खामोश रही। पुलिस भी यही चाहती थी कि विवाद आगे नहीं बढ़े। कुछ देर बाद महिला के परिजन शव को दूसरी जगह ले जाने के लिए तैयार हो गए। चिता से शव निकाला गया। गांव नगला लालदास के श्मशान में महिला का अंतिम संस्कार हुआ।
सीओ अछनेरा वीएस वीर कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मामला संज्ञान में आया है। पुलिस को सूचना अंतिम संस्कार का विरोध करने वालों ने दी थी। ग्रामीणों ने आपसी सहमति से रास्ता निकाला। कोई विवाद नहीं हुआ।
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