कोरोना के साइड इफेक्ट: जब 13 साल पहले इतरा रहा था ताज, आज बंदी से कराह रहा
- द न्यू सेवन वंडर्स संस्था ने दुनिया के आश्चर्यों की घोषणा करने से पहले 2007 में पूरे विश्व में सर्वे कराया था। इसमें कई स्तरों पर लोगों से वोट देने के लिए कहा गया था। वोटिंग के बाद सात जुलाई 2007 को लिस्बन में परिणामों की घोषणा करने के लिए भव्य आयोजन किया गया था।

13 साल पहले तारीख सात जुलाई। स्थान लिस्बन। जी हां, इसी तारीख को ताजमहल को दुनिया के आश्चर्यों में पहला स्थान मिला था। तब पूरी दुनियाभर में ताज की शान में कसीदे गढ़े गए थे। यही नहीं, स्वयं ताज भी अपनी सुदंरता पर इतरा रहा था, लेकिन अब पिछले चार महीनों से कोरोना संक्रमण के चलते कराह रहा है।
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द न्यू सेवन वंडर्स संस्था ने दुनिया के आश्चर्यों की घोषणा करने से पहले 2007 में पूरे विश्व में सर्वे कराया था। इसमें कई स्तरों पर लोगों से वोट देने के लिए कहा गया था। वोटिंग के बाद सात जुलाई 2007 को लिस्बन में परिणामों की घोषणा करने के लिए भव्य आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में आगरा की तत्कालीन महापौर अंजुला सिंह माहौर को भी आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में ताजमहल को दुनिया के आश्चर्यों में पहला स्थान दिया गया था। माहौर ने इस शील्ड को प्राप्त किया था।
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उस कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व करने गईं पूर्व महापौर अंजुला माहौर बताती हैं कि वह यादगार क्षण थे, जिन्हें कभी भूल नहीं सकती हूं। हजारों लोगों की मौजूदगी में जब आगरा के ताजमहल के नाम की घोषणा हुई थी तो वह खुशी से उछल पड़ी थीं। उन्हें गर्व था कि वह जिस शहर की रहने वाली हैं, जहां की मेयर हैं। ताजमहल की खूबसूरती ने दुनिया भर के स्मारकों को पीछे छोड़कर पहला स्थान पाया है। आज ताज अपनी खूबसूरती किसी को दिखा नहीं सकता है। कोरोना के चलते पिछले चार महीने से गेटों पर ताले पड़े हुए हैं।
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