आगरा न्यूज: कोरोना पॉजिटिव के पड़ोसियों को दवा न मिलने से क्यों है बेचैनी?
- आगरा के प्रभावित तमाम इलाकों के लोग दवा दिए जाने की गुहार लगा रहे हैं, मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खानापूरी करने में लगे हैं।

ताजनगरी में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। आगरा के प्रभावित तमाम इलाकों के लोग दवा दिए जाने की गुहार लगा रहे हैं, मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खानापूरी करने में लगे हैं। संक्रमित केस मिलने वाले इलाकों में उनके पड़ोसियों को दवा न मिल पाने से उनमें बेचैनी है। अब कुछ इलाकों में स्वस्थ्य शिविर भी नहीं लग रहा है।
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कोरोना टास्क फोर्स द्वारा संक्रमित केस मिलने वाले इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर उनमें दो दिन तक नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाने का निर्णय लिया गया था। इस शिविर में जांच भी कराई जा सकती थी। साथ ही दवा भी देनी थी। इसके अलावा संक्रमित पाए गए केस के घर के आसपास लगभग 100 मकानों में विटामिन सी के अलावा कुछ अन्य दवाएं भी देनी होती हैं। ये काम कुछ दिनों तक तो ठीकठाक चला, लेकिन अब फिर से सुस्त पड़ गया है।
कमलानगर, शाहगंज, सिकंदरा, बिचपुरी के अलावा कुछ अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से शिकायतें आनी शुरू हो गईं हैं। प्रभावित इलाकों के लोगों का कहना है कि उन्हें दवाएं ही नहीं मिल रहीं हैं। साथ ही उनके इलाके में सही तरीके से बैरीकेडिंग तक नहीं कराई गई है। कोई भी कभी भी बल्लियां उठाकर निकल जाता है। इससे कोई भी आ और जा सकता है। ऐसे में परेशानी तो इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही होगी।
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जानें क्या है नियम
- संक्रमित केस मिलने पर 18 घंटे के अंदर उसके परिवार को दवा की खुराकें देनी होती हैं।
- प्रभावित इलाके में कम से कम 100 मकानों में दो दिन तक दवा का वितरण करना होता है।
- प्रभावित इलाके में दो दिन का नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया जाता है।
- इलाके के प्रवेश द्वार पर बल्लियां लगाकर रास्ता बंद कर दिया जाता है।
- प्रवेश द्वार पर पुलिस की तैनाती होती है। वहां रखे गए रजिस्टर पर आने-जाने वालों के नाम, पते दर्ज होते हैं।
- 10 दिन बाद फिर से क्षेत्र के लोगों की जानकारी की जाती है कि सभी लोग स्वस्थ हैं कि नहीं।
- दो दिन तक लगातार संक्रमित के आसपास के लोगों का तापमान चेक किया जाता है।
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