कोरोना से थम गया कारोबार, आगरा के मशहूर पेठे को नहीं मिल रहे खरीदार
- ताज नगरी आगरा में अनलॉक 1 के बाद मशहूर पेठे की मिठाई का उत्पादन तो शुरू हो गया लेकिन बिक्री की चमक अब पहले जैसी नहीं नजर आ रही।

आगरा. उत्तर प्रदेश का आगरा ताजमहल के साथ-साथ अपने स्वादिष्ट पेठे के लिए भी मशहूर है। अनलॉक 1 में पेठे का उत्पादन तो शुरू हो गया लेकिन बिक्री की चमक अब पहले जैसी नहीं रही। शहर में सैलानियों की आवाजाही बंद होने की वजह से बिक्री के बड़े भाग से यह सेक्टर वंचित है। दूसरा कारण बाहरी क्षेत्रों की सप्लाई भी है। दूसरी ओर शहर में चल रही 15 जून से दोबारा लॉकडाउन की अफवाह ने कारोबार को तोड़ दिया है। हालात अब ये है कि 50 टन रोज की बिक्री वाले इस कारोबार में आजकल तीन-चार टन भी पेठा नहीं बिक रहा।
पेठे से जुड़े एक कारोबारी बताते हैं कि सैलानियों से इसकी बिक्री का बड़ा हिस्सा आता है। साथ ही अन्य काम से आने वाले लोग भी काफी संख्या में पेठे के खरीदार हैं। इनके लिए आगरा का पेठा खास महत्व रखता है। आगरा के एक अन्य कारोबारी ने कहा कि यहां का पेठा रेल एवं सड़क मार्ग से आगरा से गुजरने वाले यात्रियों को भी लुभाता है। हजारों यात्री यहां रोज ऐसे आते रहे हैं, जिनका आगरा में ठहराव नहीं होता, लेकिन ये लोग कुछ समय के लिए पेठा खरीदने के लिए रुका करते थे। अब इस तरह के ग्राहक आने पूरी तरह खत्म हो चुके हैं।
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अफवाह से कैंसिल हो रहे बड़े ऑर्डर
आगरा के नूरे दरवाजा स्थित पेठा मंडी से हर रोज कई टन माल दूसरे शहरों में जाता था लेकिन लॉकडाउन के बाद यह आपूर्ति प्रभावित हो गई है. दरअसल, बाजारों में अफवाह है कि ज्यादा कोरोना मामलों की वजह से लॉकडाउन फिर लगाया जा सकता है। ऐसे में कारोबारी डर रहे हैं कि खरीदा हुआ माल खराब न हो जाए। इसी वजह से ऑर्डर कैंसिल हो रहे हैं।
स्थानीय लोग भी नहीं कर रहे खरीदारी
आगरा का मशहूर पेठा स्थानीय लोग भी नहीं खरीद रहे हैं। खरीदने से पहले ग्राहक पेठे को बनाने की विधि पर सवाल करते हैं। कारोबारी उन्हें समझाते हैं कि उबालने या खौलाने से संक्रमण खत्म हो जाता इस वजह से पेठा सुरक्षित है लेकिन ग्राहक इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं है।
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