बावरिया गैंग का कुख्यात बदमाश गिरफ्तार, वाहनों को पंचर कर सवारियों को लूटता था
- यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों को पंक्चर करके सवारियों से लूट को अंजाम देने वाले कुख्यात बावरिया गिरोह के बदमाश को नोएडा एसटीएफ ने दबोचा है।

यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों को पंक्चर करके सवारियों से लूट को अंजाम देने वाले कुख्यात बावरिया गिरोह के बदमाश को नोएडा एसटीएफ ने दबोचा है। पकड़ा गया आरोपी पिछले चार साल से इसी अंदाज में वारदात को अंजाम दे रहा था। बताया जा रहा है कि फरीदाबाद में लूट के दौरान एक बच्चे के साथ कुकर्म की वारदात भी हुई थी। गैंग के एक सदस्य को नोएडा एसटीएफ यूनिट ने अलीगढ़ पुलिस के सहयोग से दो जुलाई को मुठभेड़ में मारा था। गिरोह के तीन सदस्य अभी तक फरार हैं।
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22 जनवरी 2020 की रात मथुरा के नौहझील थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहन सवारों से लूट की वारदात हुई थी। बदमाशों ने आगरा के सदर बाजार निवासी विक्रम गुप्ता व कानपुर के प्रतीक शुक्ला को लूटा था। एक आईएएस अधिकारी के साथ भी लूट का प्रयास हुआ था। हालांकि उस घटना को मथुरा पुलिस छिपा गई थी। इससे पहले गैंग ने नोएडा में वारदात को अंजाम दिया था। हर घटना में बदमाशों का वारदात का अंदाज एक जैसा ही था। आईजी रेंज ए सतीश गणेश इस मामले में घटना स्थल पर पहुंचे थे। कई रात एक्सप्रेस वे पर रात को चेकिंग अभियान चलाया गया था।
नोएडा एसटीएफ यूनिट ने बापरौला, नजफगढ़, नई दिल्ली निवासी दिनेश उर्फ दिन्नू उर्फ कमाल को 23 जुलाई को पलवल से गिरफ्तार किया है। गैंग के सदस्य अजय उर्फ कालिया, अनिल व रामू अभी तक फरार हैं।
अपराधियों का कार्य क्षेत्र
गिरफ्तार आरोपित ने पूछताछ में बताया कि गैंग पिछले चार सालों से इस तरह की वारदातें कर रहा है। वे पलवल, गाजियाबाद, यमुना एक्सप्रेस वे, अलवर, राजस्थान, सोहना, हरियाणा, बुलंदशहर, जयपुर और बागपत तक हाईवे पर वाहनों को पंचर करके सवारियों को लूटपाट किया करते थे।
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अपराध का तरीका
गैंग के सदस्य हाईवे से गुजरने वाले चार पहिया वाहनों को अपना निशाना बनाया करते थे। गैंग दो टीमों में बंट जाता था। एक टीम एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां पंचर करने के लिए उपकरण लगाती थी। जो टॉयर किलर जैसा होता था। लोहे की भारी पत्ती में नुकीली कीलें निकलीं होती थीं। टॉयर किलर का एक सिरा पतली डोरी या तार से बंधा होता था। जिससे गाड़ी पंचर होते ही बदमाश उसे तत्काल हाईवे से खींच लिया करते थे। गाड़ी पंचर होते ही उसमें सवार लोग जब नीचे उतरते थे तो झाड़ियों में छिपे बदमाश उन्हें देखते थे। वे कितने लोग हैं। कोई पुलिस कर्मी तो नहीं है। यह देखने के बाद अपने गैंग की दूसरी टुकड़ी को फोन पर सूचित करते थे। वे हाईवे किनारे से निकलकर बाहर आती थी। लूटपाट करती थी। बदमाश मोबाइल, लैपटॉप, जेवरात, घड़ी, नकदी आदि सामान लूट लिया करते थे। गैंग के सदस्य वारदात से पूर्व पलवल के पास मिलते थे। वहां से निजी वाहन से यमुना एक्सप्रेस वे पर आया करते थे।
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