डॉ. योगिता मर्डर केस: आगरा में जेल गए डॉक्टरों में विवेक तिवारी सबसे खतरनाक
- पुलिस का मानना है कि साल 2005, 2018 और 2019 में भी प्रदेश में डॉक्टर हत्या के आरोप में पकड़े गए हैं लेकिन डॉ. योगिता का कातिल उन सबमें सबसे शातिर है.

आगरा. डॉ. योगिता मर्डर केस ने सिर्फ आगरा को ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है. लेकिन ऐसा नहीं है कि हत्यारा विवेक तिवारी कोई पहला डॉक्टर है जिसने ऐसी हत्या को अंजाम दिया हो. लेकिन यह पहली बार है जब कोई डॉक्टर बिना किसी पछतावा के हत्या कर जेल गया हो. पिछले डेढ़ दशक में पुलिस ने अलग-अलग मामलों में आधा दर्जन डॉक्टरों को जेल भेज चुकी है. लेकिन विवेक तिवारी के अलावा सभी को अपने किए पर पछतावा था और पकड़े जाने पर उनके आंखों से आंसू तक निकल पड़े थे. वहीं, डॉ. विवेक को अपने किए पर किसी भी तरह का पछतावा नहीं है. पुलिस के लिए विवेक का ये रवैया ही इस केस में चुनौती बन गया है. पुलिस का मानना है कि उसकी चुप्पी तोड़ना इतना आसान नहीं है क्योंकि रिमांड पर लेने पर भी वह अपना बयान बदलता रहा और पुलिस को घुमाता रहा.
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जेल जाने वाले डॉक्टरों की बात करें तो साल 2005 में सबसे पहले कमला नगर निवासी डॉक्टर बृजभूषण बंसल जेल गए थे. उन्हें नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने पकड़ा था. वह विदेशों में नशीली दवाओं की तस्करी किया करते थे. इस घटना के कुछ दिन बाद हरीपर्वत क्षेत्र निवासी एक हड्डी रोग विशेषज्ञ शेयर घोटाले में जेल गए थे. इसी तरह साल 2016 में एमएम गेट थाने से एक डॉक्टर को दुराचार के आरोप में जेल भेजा गया था. डॉक्टर की प्रेमिका ने मुकदमा लिखाया था. डॉक्टर पर आरोप था कि उसने प्यार में धोखा दिया है. जिसके बाद शादी से इनकार पर प्रेमिका ने मुकदमा दर्ज कराया था.
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इसके बाद साल 2018 में एसएन मेडिकल कॉलेज के आधा दर्जन से अधिक जूनियर डॉक्टर तोड़फोड़ करने के आरोप में जेल गए थे. पूरा विवाद एक वेटर से बवाल पर हुआ था. फिर साल जुलाई 2019 में पुलिस ने डॉक्टर अनुभव अग्रवाल को जेल भेजा था. उन्होंने अपनी पत्नी के जिम ट्रेनर की सुपारी दी थी. इस घटना में भी डॉक्टर ने अपने हाथ से कोई अपराध नहीं किया था. ऐसे में, जब पुलिस ने जब इन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था तो सभी फूट-फूटकर रोए थे. शर्मिंदा हुए थे. पुलिस के सामने हाथ जोड़े थे और कहा था कि गलती हो गई है. दूसरी तरफ 20 अगस्त को पुलिस ने डॉक्टर विवेक तिवारी को जेल भेजा. पुलिस बताती है कि उसमें कोई पछतावा नहीं है. घंटों के पूछताछ के बाद भी पुलिस उससे सारी सच्चाई नहीं उगलवा पा रही है.
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