कोरोना काल में इस साल 17 देश नहीं चख पाएंगे आगरा के आलू का स्वाद, जानें क्यों
- कोरोना वायरस की वजह से इस साल करीब 17 देश आगरा के आलू नहीं चख पाएंगे। दरअसल लॉकडाउन की वजह से विदेश जाने वाले 20 लाख आलू पैकेट कोल्ड स्टोर में पड़े हैं। यहां तक की बाहर देश में भेजकर प्रति कुंटल 1 हजार रुपए कमाने वाले एक्सपोर्टर इसी आलू को सस्ते दाम में स्थानीय मंडियों में बेचने को मजबूर हैं।
आगरा, वरीय संवाददाता
कोरोना वायरस की वजह से इस साल करीब 17 देश आगरा के आलू नहीं चख पाएंगे। दरअसल लॉकडाउन की वजह से विदेश जाने वाले 20 लाख आलू पैकेट कोल्ड स्टोर में पड़े हैं। यहां तक की बाहर देश में भेजकर प्रति कुंटल 1 हजार रुपए कमाने वाले एक्सपोर्टर इसी आलू को सस्ते दाम में स्थानीय मंडियों में बेचने को मजबूर हैं। कोविड 19 की वजह से जिले में आलू का उत्पाद इस साल घाटे का सौदा बनकर रह गया।
गौरतलब है कि गतवर्ष ताजनगरी में 71,700 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का उत्पादन हुआ था। हालांकि, इस साल कई संकटों की वजह से किसानों ने करीब 10 फीसदी रकबा घटा दिया। ऐसे में इस साल आलू का उत्पादन 67,300 हेक्टेयर में किया गया। जब आलू खुदाई का सीजन आया तो भारत में कोरोना की मार शुरू हो गई जिसके बाद पूर्ण रूप से लॉकडाउन लागू हुआ और सबकुछ ठप्प हो गया।
मालूम हो कि ताज नगरी आगरा का आलू यूएई से लेकर रूस, शारजहां, सिंगापुर, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, दुबई, श्रीलंका आदि देशों में एक्सपोर्ट होता है। वहीं अपने देश के तेलंगाना, हैदराबाद, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, महाराष्ट्र भी यहां के आलू की सप्लाई की जाती है।
कौशल कुमार नीरज, उपनिदेशक उद्यान विभाग इस मामले में कहते हैं कि हर साल आगरा से एक लाख टन आलू कई देशों में एक्सपोर्ट होता था। हालांकि, कोरोना वायरस की वजह से इस बार आलू विदेशों को नहीं जा सका है। प्रयास किए जा रहे हैं कि आलू के देश में ही एक्सपोर्टर्स को बेहतर दाम मिलें।
अन्य खबरें
आगरा: कोरोना काल में सबसे पहले आएगा UP बोर्ड रिजल्ट, CBSE वालों का बढ़ेगा इंतजार
आगरा: आग लगे ऐसे पैसे में! पेंशन की खातिर बेटों ने पिता को पीट कर घर से निकाला
आगरा: वे गुमनाम कोरोना योद्धा, जिन्होंने संकट काल में बिना थके निभाई अपनी भूमिका
आगरा के पूर्व सांसद और फिजी में भारत के उच्चायुक्त रहे अजय सिंह का निधन