हाथरस केस: सवर्णों ने महापंचायत में कहा- सभी आरोपी करें रिहा, आंदोलन की दी धमकी
- हाथरस गैंगरेप केस के आरोपियों की रिहाई की मांग उठाते हुए सवर्णों ने महापंचायत करी. सवर्णों का कहना है कि सभी चार आरोपी निर्दोष हैं. सीबीआई जांच के लिए उनकी रिहाई की मांग करते हुए उन्होंने आंदोलन छेड़ने की धमकी दी.

आगरा. सवर्णों ने हाथरस गैंग रेप आरोपियों की रिहाई के लिए महापंचायत की. इस महापंचायत में ठाकुरों और ब्राह्मणों समेत अन्य उच्च जाति के सदस्यों ने भाग लिया. इसका आयोजन बागना गांव में किया गया. हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या पीड़िता का गांव बूलगढ़ी से दो किलोमीटर दूर है. शुक्रवार को हुई इस महापंचायत में कहा गया कि मामले के सभी चार आरोपी निर्दोष हैं. साथ ही इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है. कहा गया है कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और ये सभी उच्च जातियों के हैं.
महापंचायत ने आगरा फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आरोपियों को रिहा नहीं किया गया तो सवर्ण आंदोलन शुरू करेंगे. दरअसल, गुरुवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार और हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार ने फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट के अनुसार सामूहिक बलात्कार से इनकार किया था. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है और जिला प्रशासन ने दावा किया है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाएगी.
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गौरतलब हो की पीड़िता वाल्मीकि (दलित) समुदाय की थी. बताया गया है कि उसने मौत होने से पहले अपने बयान में चार आरोपियों के क्रूरता से पेश आने और सामूहिक बलात्कार करने के आरोप लगाए थे. कथित तौर पर उसके साथ 14 सितंबर को सामूहिक बलात्कार किया गया और क्रूरता बरती गई. अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में जिंदगी के लिए लड़ने करने के बाद, उसे 28 सितंबर को नई दिल्ली ले जाया गया और अगले दिन सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
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महापंचायत में कहा गया कि इसमें सभी का प्रतिनिधित्व है. हम आरोपियों और पीड़ित के परिवारों के नार्को टेस्ट के अलावा मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि वास्तविक अपराधी को सजा मिले. फोरेंसिक साइंस लैब ने सामूहिक बलात्कार की पुष्टि नहीं की है, इस प्रकार सभी चार (आरोपी) को रिहा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम शनिवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्यों से मिलेंगे और उन्हें सच्चाई से अवगत कराएंगे. अगर इसके बाद भी हमें न्याय नहीं मिला, तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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