आगरा: राजकीय शिक्षक संघ ने मनचाहे शिक्षकों को सम्मानित करने का लगाया आरोप

Somya Sri, Last updated: Tue, 7th Sep 2021, 9:44 AM IST
  • राजकीय शिक्षक संघ और प्रधानाचार्य परिषद ने माध्यमिक शिक्षा विभाग पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि मनचाहे शिक्षकों को सम्मानित किया गया है. इस संदर्भ में प्रधानाचार्य परिषद ने राजा मंडी स्थित महाराजा सूरजमल इंटर कॉलेज में बैठक की.
राजकीय शिक्षक संघ ने मनचाहे शिक्षकों को सम्मानित करने का लगाया आरोप (प्रतिकात्मक फोटो)

आगरा: शिक्षक दिवस के बाद आगरा में माध्यमिक शिक्षा विभाग और राजकीय शिक्षक संघ के बीच विवाद हो गया है. मामला है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मनचाहे शिक्षकों को सम्मानित किया है और ये आरोप राजकीय शिक्षक संघ ने लगाया है. दरअसल, सोमवार को राजकीय शिक्षक संघ और प्रधानाचार्य परिषद ने माध्यमिक शिक्षा विभाग पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि मनचाहे शिक्षकों को सम्मानित किया गया है. इस संदर्भ में प्रधानाचार्य परिषद ने राजा मंडी स्थित महाराजा सूरजमल इंटर कॉलेज में बैठक की.

बैठकी के दौरान जिला अध्यक्ष डॉ रक्षपाल त्यागी और महामंत्री डॉ रामऔतार ने कहा कि," जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में विभागीय कर्मचारियों की मिली-भगत से उन प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया, जो असामाजिक मानसिकता से ग्रसित हैं. ऐसा ग्रुप विशेष के दबाव व भय से किया गया। वे लोग सम्मानित हुए, जो ना विभाग द्वारा अनुमोदित थे और न योग्य. निष्ठावान, परिश्रमी, लगनशील व ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करने वाले शिक्षक अपमानित हुए हैं. जिला विद्यालय निरीक्षक ने मिलने भी मना कर दिया. संगठन ने दलाली करने वाले, दुष्कर्मों के लिए मशहूर व कथित पदाधिकारियों से सांठगांठ का आरोप भी लगाया.संगठन विरोध में विभागीय अधिकारियों व शासन-प्रशासन को लिखित शिकायत करेगा."

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वहीं राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विशंभर दयाल पाराशर ने कहा कि, "इसमें अपात्र शिक्षकों को सम्मान रेबड़ी की तरह बांटा गया, जबकि पात्र शिक्षक मुंह ताकते रहे. जीआइसी शाहगंज से तीन शिक्षकों ने बाकायदा आवेदन किया, यहां के चार शिक्षक सम्मानित हुए, लेकिन आवेदन करने वाले एक शिक्षक का नाम ही सूची में नहीं था. ऐसे शिक्षकों का सम्मान हुआ, जिसने न आवेदन किया था, न वह अहर्ता रखते थे."

इधर , जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि, "तीन सितंबर को आयोजन कराने के निर्देश मिले, अल्प समय व सीमित संसाधनों में आपराधिक व्यक्तियों से बचते हुए आयोजन किया गया. पात्रों की सूची तीन अधिकारियों ने मिलकर फाइनल की. फिर भी जानकारी के अभाव में यदि किसी अपात्र या गलत व्यक्ति को सम्मान मिल गया है, तो साक्ष्यों सहित आपत्ति करें. जांच के बाद सम्मान वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी."

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