आगरा ATM लूटकांड का पर्दाफाश: बैंक कर्मी ने ही लुटवाया सिंडिकेट बैंक का एटीएम
- शुक्रवार को सूचना के चंद घंटे बाद ही पुलिस ने वारदात खोल दी। एक बैंक कर्मचारी ने अपने दोस्तों को एटीएम का पासवर्ड दिया था। पुलिस ने बैंककर्मी सहित तीन लोगों को पकड़ लिया है और इस पूरे कांड का खुलासा भी कर दिया है

आगरा के आवास विकास कालोनी सेक्टर 12 ए (जगदीशपुरा) स्थित सिंडिकेट बैंक के एटीएम से गुरुवार की रात 6.50 लाख रुपये बदमाश निकालकर ले गए। एटीएम को तोड़ा नहीं गया बल्कि हाईटेक अंदाज में पासवर्ड से डॉयनामिक लॉक खोलकर रकम निकाली गई। बदमाश एटीएम में लगी एक कैश ट्रे ही निकालकर ले गया था। शुक्रवार को सूचना के चंद घंटे बाद ही पुलिस ने वारदात खोल दी। एक बैंक कर्मचारी ने अपने दोस्तों को एटीएम का पासवर्ड दिया था। पुलिस ने बैंककर्मी सहित तीन लोगों को पकड़ लिया है और इस पूरे कांड का खुलासा भी कर दिया है।
घटना पदम बिजनेस पार्क स्थित सिंडिकेट बैंक के एटीएम में हुई। परिसर में सिंडिकेट बैंक का रीजनल ऑफिस है। बाहर एटीएम लगा है। रात को एटीएम पर गार्ड नहीं रहता। इस एटीएम में कैश लोड करने का काम सिंडिकेट बैंक की सिकंदरा शाखा करती है। सुबह सिक्योरिटी गार्ड आया। उसने देखा कि एटीएम का हुड उखड़ा हुआ है। उसने रीजनल ऑफिस के स्टाफ को घटना की जानकारी दी। बैंक मैनेजर और सिक्योरिटी इंचार्ज बच्चू सिंह पुलिस को फोन किया। पुलिस मौके पर पहुंच गई।
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एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद और सीओ लोहामंडी भी आ गए। अधिकारियों ने देखा कि एटीएम का हुड पेचकस से खोला गया था। मशीन पर अंदर कोई खरोंच तक नहीं थी। बैंक के अधिकारियों को बुलाया गया। एटीएम खोला गया। अंदर 500 रुपये के नोट वाली ट्रे ही गायब थी। सीसीटीवी रिकार्डिंग देखी गई। उसमें एक बदमाश रात 1.58 बजे दीवार कूदकर अंदर आता दिख रहा था। तीन मिनट बाद ही 2.01 बजे पर वह बाहर जाता दिखा। उसके हाथ में ट्रे लगी हुई थी। यह देख अधिकारियों के होश उड़ गए। जो एटीएम गैस कटर से चार घंटे में भी नहीं कटता उसे एक बदमाश तीन मिनट में खाली करके भाग गया। अधिकारियों को यकीन हो गया कि कोई अंदर का व्यक्ति इसमें मिला हुआ है।
कर्मचारी ने मैनेजर के मोबाइल से चुराया पासवर्ड
पदम बिजनेस पार्क में लगे सिंडिकेट बैंक के एटीएम से 6.50 लाख रुपये निकालने की वारदात में पुलिस ने सिकंदरा ब्रांच के कर्मचारी शुभम और उसके बदमाश साथी गोलू व बॉबी को गिरफ्तार किया है। पूरी वारदात में बैंक के अधिकारियों की घोर लापरवाही उजागर हुई है। इतना ही नहीं एटीएम में कैश लोड करने की जिम्मेदारी दो अधिकारियों की होनी चाहिए। यहां अधिकारियों के कहने पर कर्मचारी यह काम कर रहे थे। वे उन्हें ही पासवर्ड दे दिया करते थे।
सनसनीखेज वारदात का खुलासा पुलिस ने महज पांच घंटे में किया। एसएसपी ने एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद को खुलासे की जिम्मेदारी दी थी। एसपी सिटी ने बदमाशों के हाईटेक अंदाज को देखा और उसके बाद हाईटेक अंदाज से ही जांच शुरू की। कुछ ही देर बाद सुराग मिलना शुरू हो गए। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि एटीएम में कैश लोड करने की जिम्मेदारी सिकंदरा ब्रांच के पास है। ब्रांच मैनेजर रवि पाठक से पूछताछ की। रवि पाठक ने पुलिस को बताया कि 10 जून को एटीएम में 10 लाख रुपये लोड किए थे। उनके साथ कर्मचरी शुभम गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि एटीएम का हुड चाबी से खुलता है। अंदर एटीएम तिजोरी की तरह होता है। ऊपरी हिस्से पर एक लॉक लगा होता है। जिसे डॉयनामिक लॉक बोलते हैं। 16 डिजिट के एक गोपनीय कोड से यह लॉक खुलता है। कुछ बैंकों में दो अधिकारियों के पास लॉक के 8-8 डिजिट रहते हैं। दोनों कैश लोड करने साथ जाते हैं। अपने-अपने गोपनीय कोड फीड करते हैं। यहां वह अकेले इस काम को किया करते थे। उन्होंने 16 डिजिट का कोड अपने मोबाइल में सेव कर रखा था। 10 जून को शुभम उनके साथ गया था। उसने ही उनके मोबाइल से वह कोड बोलकर उन्हें बताया था। यह सुनते ही एसपी सिटी का माथा ठनक गया। उन्होंने शुभम की रात की लोकेशन ट्रेस कराई। शुभम देर रात तक जगा हुआ था। एक नंबर पर उसकी लगातार बातचीत हो रही थी। रात को उसकी लोकेशन एटीएम के पास थी। पुलिस ने शुभम को उठा लिया। उससे पूछताछ हुई तो उसने बताया कि उसने गोपनीय कोड अपने साथी बॉबी व गोलू को दिया था। तीनों ने मिलकर वारदात की थी। रात को पैदल आए थे। पुलिस ने उन दोनों को भी पकड़ लिया।
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गैंगस्टर का भाई है कर्मचारी शुभम
पुलिस के अनुसार वारदात में शामिल बैंक कर्मचारी शुभम का भाई गैंगस्टर के मुकदमे में वांछित है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं गोलू पहले भी जेल जा चुका है। बॉबी के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है। शुभम को यह अंदाजा नहीं था कि घटना इतनी जल्दी खुल जाएगी। उसने सोचा था कि पुलिस मुकदमा ही दर्ज नहीं करेगी। बैंक वाले भी खामोश हो जाएंगे। एटीएम में रखे कैश का बीमा होता है इसलिए ज्यादा बवाल नहीं मचेगा।
आवास विकास कॉलोनी के हैं तीनों बदमाश
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गिरफ्तार शुभम सिंडिकेट बैंक में चतुर्थ श्रेणी में अस्थाई कर्मचारी है। पिछले एक साल से वहां नौकरी कर रहा है। वहीं बॉबी और गोलू पंडित उसके दोस्त हैं। तीनों आवास विकास कालोनी में ही रहते हैं। शुभम ने अपने दोस्तों को बताया था कि एटीएम कैसे खुलता है। उन्हें यह भी बताया था कि वह मैनेजर के साथ एटीएम में कैश लोड करने जाता है। उसने ही अपने दोस्तों को एटीएम के बारे में पूरी जानकारी दी थी। इसी जानकारी का असर था कि बदमाश को एटीएम से रकम निकालने में महज तीन मिनट लगे थे।
5.50 लाख रुपये हुए बरामद, एक लाख बचा है
पुलिस ने तीनों आरोपियों के कब्जे से 5.50 लाख रुपये बरामद किए हैं। बैंक के एटीएम से लगभग 6.50 लाख रुपये गए थे। इंस्पेक्टर जगदीशपुरा राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि एक लाख रुपये तीनों ने चंद घंटों में ही खर्च कर दिए थे। जुआ खेल लिया। कुछ उधारी चुका दी। उसे भी बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है।
गोलू ने खोला था एटीएम
पुलिस के अनुसार दीवार कूदकर वारदात को अंजाम देने गोलू पंडित आया था। वह पूर्व में भी जेल जा चुका है। शातिर है। पूछताछ में उसने यह जानकारी दी है। सीसीटीवी फुटेज में वही दिखाई पड़ रहा था। अन्य दो साथी दीवार के दूसरी तरफ खड़े थे। पास ही एक कोरियर कंपनी का ऑफिस है। उसके सिक्योरिटी गार्ड ने तीनों को देखा था। रात में शोर भी मचाया था। गार्ड को यह पता नहीं था कि तीनों एटीएम से कैश चुराकर ले जा रहे हैं।
कापी करके अपने मोबाइल पर भेजा पासवर्ड
शुभम ने वारदात की योजना कई दिन पहले बनाई थी। दस जून को उसे मौका मिला। मैनेजर का मोबाइल उसके हाथ में था। उसने मौका मिलते ही एटीएम के डॉयनामिक लॉक का पासवर्ड कॉपी किया और अपने नंबर पर सेंड कर दिया। उसके बाद वह मैसेज मैनेजर के मोबाइल से डिलीट कर दिया। मैनेजर को अंदाजा भी नहीं था उनकी बैंक का ही कर्मचारी बदमाशों से मिला हुआ है।
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