आगरा: ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित होगा ताजमहल के आसपास का क्षेत्र

Smart News Team, Last updated: Sun, 18th Oct 2020, 8:29 AM IST
  • ताजमहल और उसके आसपास के इलाके को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया जाएगा. यह कदम ताजमहल के सुरक्षा के लिहाज से लिया जा रहा है. जिससे ताजमहल को किसी तरह नुकसान से बचाया जा सकें. यह बात एसपी सुरक्षा सुरक्षा सुनील कुमार ताजमहल का निरीक्षण करने के बाद कही.
ताजमहल के आसपास के इलाके को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया जाएगा.

आगरा. ताजमहल के आसपास के इलाके को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया जाएगा. इसके लिए आगरा प्रशासन ने सरकार से बात की हैं. एसपी सुरक्षा सुनील कुमार गुप्ता ने शनिवार को ताजमहल का निरीक्षण किया. 

एसपी ने पहले ताजमहल के तीनों गाटों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. वहां खराब पड़े सीसीटीवी कैमरों को जल्द से जल्द ठीक कराने का कहा हैं. ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था संबंधी कुछ निर्देश भी अधिकारियों को दिए. साथ ही आगरा प्रशासन को भी यह निर्देश दिया है कि ताजमहल के आसपास ड्रोन उड़ाने वाले लोगों की निगरानी करें.

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एसपी सुरक्षा सुनील कुमार गुप्ता शनिवार को ताजमहल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के बाद एसपी सुरक्षा ने कहा, ताजमहल के आसपास के यलो जोन क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन बनना था, लेकिन अभी तक इस पर कुछ नहीं हो सका. ताजमहल के पास आए दिन ड्रोन उड़ने की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन नो ड्रोन जोन न होने के कारण कार्रवाई करने में परेशानी आती हैं. साथ ही ताजमहल के आसपास के सीसीटीवी को जल्द ठीक कराने की बात कहीं है. स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यलो जोन को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने की जरूरत है. पहले ताजमहल के आसपास में ड्रोन उड़ाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

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ताजमहल का नाम दुनिया के सात अजूबों में सुमार हैं. इसका निर्माण 1653 में लगभग 320 लाख रुपये की लागत में हुआ था जिससे मुग़ल शासक शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था. ताजमहल को दुनियाभर से लगभग 65 से 70 लाख लोग आते हैं. भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल कमाई के मामलें में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बाद ताजमहल दूसरे नंबर पर रहता हैं. पिछले साल ताजमहल से 56 करोड़ रुपए की कमाई हुए हैं.

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