कोख की सौदागर नीलम ने रिमांड पर उगले कई अहम राज, मिले नेपाल पहुंचने के सुराग

Smart News Team, Last updated: Sun, 5th Jul 2020, 7:32 PM IST
  • कोख की सौदागर नीलम इस अवैध धंधे की कैरियर मात्र है। दिल्ली और हरियाणा में कई आईवीएफ सेंटर संचालकों ने ऐसे एजेंट सक्रिय कर रखे हैं, जो सेरोगेसी के लिए महिलाओं को तैयार करते हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर

कोख की सौदागर नीलम इस अवैध धंधे की कैरियर मात्र है। दिल्ली और हरियाणा में कई आईवीएफ सेंटर संचालकों ने ऐसे एजेंट सक्रिय कर रखे हैं, जो सेरोगेसी के लिए महिलाओं को तैयार करते हैं। इतना ही नहीं पुरुषों और महिला डोनर लेकर जाने पर भी मोटा कमीशन मिलता है। रिमांड पर नीलम से पूछताछ में नेपाल की मास्टर माइंड के मुख्य एजेंट का पता चला है। पुलिस को उसका मोबाइल नंबर भी मिल गया है। उसकी तलाश शुरू कर दी गई है। इस मामले में दिल्ली की एक महिला डॉक्टर से भी पूछताछ की जाएगी।

नीलम और रूबी सहित पांच लोगों को लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहबाद टोल पर पकड़ा गया था। उनके पास से तीन नवजात बच्चियां मिली थीं। बच्चियों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द करने के बाद आरोपियों को जेल भेजा गया था। पूछताछ में यह खुलासा हुआ था कि बच्चियों को नेपाल में अस्मिता के सुपुर्द किया जाना था। उसने ही एक बच्चे के एवज में आठ लाख रुपये में सौदा किया था। गर्भधारण के लिए महिलाओं को उसी के पास भेजा गया था। पुलिस ने नीलम को दो दिन की रिमांड पर लिया था।

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सीओ फतेहाबाद विकास जायसवाल ने बताया कि पुलिस नीलम को लेकर फरीदाबाद पहुंची। वहां छानबीन करने पर पता चला कि नीलम मूलत: फतेहपुर जिले की निवासी है। एक युवक ने उससे धोखे से शादी की थी। वह पहले से चार बच्चों का पिता था। वह नीलम को शादी के बाद दिल्ली लेकर गया था। नीलम ने वर्ष 2010 में उसे तलाक दे दिया। नीलम दिल्ली-हरियाणा बार्डर से सटे कापसहेड़ा थाना क्षेत्र के गांव डुढ़ेरा में रहने लगी। अपनी बच्ची को भी साथ ले आई। वहां पहले उसने अंडे की ठेल लगाई। कुछ माह यह काम करने के बाद उसने उसी जगह एक छोटी दुकान बना ली। उसी में रहने लगी। वहां उसकी मुलाकात मीना देवी नाम की एक महिला से हुई। मीना देवी ने उसे बताया कि दिनभर दुकान पर बैठकर भी वे ज्यादा नहीं कमा पाती होगी। वह उसे ऐसा काम बताएगी जिसमें कोई लागत नहीं है। गरीब महिलाओं को अंडाणु देने के लिए प्रेरित करना है। इस काम के एवज में आईवीएफ सेंटर वाले अच्छा कमीशन देते हैं। उसने यह काम शुरू कर दिया। दिल्ली में डॉक्टर नेहा के आईवीएफ सेंटर पर जाने लगी। वहां उसे एक डोनर देने पर पांच से पंद्रह हजार रुपये मिलने लगे। 

डॉक्टर ने ही उसे सेरोगेसी के बारे में बताया। उससे कहा कि इस काम में एक बार में ही दो लाख रुपये तक मिल जाएंगे। वह पहली महिला को डॉक्टर नेहा के पास लेकर गई। डॉक्टर नेहा ने उसे धोखा दे दिया। उसे एक रुपया तक नहीं मिला। इस दौरान उसकी मुलाकात विक्रांत से हुई। वह भी यही काम करता था। बाद में वह अपने केस विक्रांत को देने लगी। विक्रांत ने उसका नंबर अस्मिता के एजेंट राहुल को दिया। वर्ष 2019 से उसने सेरोगेसी के लिए महिलाओं की तलाश शुरू की थी।

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चार महिलाओं को बाहर भेजा गया था

नीलम ने रिमांड पर पुलिस को बताया कि अस्मिता ने उससे चार महिलाओं का इंतजाम करने को कहा था। उसने रूबी, सुनीता, विमल देवी और सोनी को राहुल के सुपुर्द किया था। वह उन्हें सिलीगुड़ी ले गया था। वहां से चारों महिलाओं को कहां ले गया, उसे इसकी जानकारी नहीं है। चारों महिलाएं वहां से गर्भधारण करके आई थीं। उसे उनकी केयरटेकर बनाया गया था। डिलीवरी से पहले लॉकडाउन लग गया। इस कारण चारों महिलाओं की डिलीवरी फरीदाबाद में करानी पड़ी। सोनी को कोरोना हो गया था। उसके बच्चे के बारे में उसे जानकारी नहीं। वह बाद में उसके पास तक नहीं गई।

लड़कों को पहले ले गया था राहुल

छानबीन में पता चला कि रूबी ने बेटे, सुनीता ने जुड़वा बेटियां व विमल देवी ने जुड़वा बेटा-बेटी को जन्म दिया था। सोनी को कोरोना हो गया था। इसलिए उसके संपर्क में बाद में कोई नहीं आया। दोनों बेटे अस्मिता का एजेंट राहुल पहले ही ले गया था। तीन बेटियों को नीलम और रूबी खुद लेकर अस्मिमा के सुपुर्द करने जा रही थीं। नीलम को अपने रुपये लेने थे। इसलिए वह साथ गई थी।

राहुल की तलाश में जुटी पुलिस

सीओ फतेहाबाद ने बताया कि राहुल इस खेल का खास आदमी है। वह सीधे हॉस्पिटल संचालक अस्मिता से जुड़ा हुआ है। राहुल के बारे में बहुत कुछ पता चला है। उसकी तलाश की जा रही है। वहीं दिल्ली की एक महिला डॉक्टर नेहा का नाम पूछताछ में प्रकाश में आया है। उसके आईवीएफ सेंटर के बारे में भी जानकारी हुई है। दिल्ली पुलिस के सहयोग से उस महिला डॉक्टर को भी रडार पर लिया जाएगा। राहुल की गिरफ्तारी के बाद इस खेल की आगे की कड़ियां सुलझेंगी।

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