दिल्ली से भोपाल पैदल निकली 8 दिन से भूखी महिला की हालत बिगड़ी, अस्पतालकर्मी बोला पहले दो पैसे
- यूपी के आगरा शहर में दिल्ली से भोपाल 8 दिनों से भूखे प्यासे पैदल जा रही आदिवासी महिला की हालत खराब हो गई. महिला का पति उसको एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए लेकर पहुंचा तो वहां पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उससे पहले 300 रुपए मांगे. पैसे न होने के वजह से आदिवासी महिला तड़पती रह गई.
आगरा : बीते मंगलवार को आगरा शहर से इंसानियत को शर्मिंदा करने वाली खबर आई. जहां शहर के अस्पताल एसएन मेडिकल कॉलेज के दरवाजे पर पिछले 8 दिनों से भूखी प्यासी चल रही आदिवासी महिला जब इलाज के लिए पहुंची. तो अस्पताल के स्टाफ के तरफ से महिला से पैसा मांगा गया. आदिवासी महिला और उसके पति ने अस्पताल में भर्ती करने के लिए बहुत हाथ पैर जोड़ा फिर भी अस्पताल के कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा. कुछ लोगों ने उनके इस हालत को देखकर मदद करने के लिए आगे आ गए. अस्पताल के बेरुखी को देखते हुए किसी ने पुलिस को बुला लिया. इसके बाद पुलिस और जनता के दबाव की वजह से भूखी प्यासी महिला को भर्ती करना पड़ा. फिलहाल महिला का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है.
भूखी प्यासी महिला किरण और उसका पति रमेश मध्यप्रदेश भोपाल के रहने वाले हैं. आदिवासी समाज से तालुकात रखने वाले दोनों पति पत्नी अपने सपने के साथ देश की राजधानी दिल्ली में कमाने पहुंच गए. दिल्ली पहुंचने के बाद रमेश ने एक ठेकेदार के यहां काम करने लगा था. जिससे दिल्ली में पति-पत्नी का रोज का खर्चे चलने लगा. इसी बीच उसके ठेकेदार मालिक की कोरोना की वजह से मौत हो गई. जिससे आदिवासी रमेश के मजदूरी किए हुए 40 हजार रुपए भी डूब गए. दिल्ली में कोई काम न मिलने की वजह से पति पत्नी वापस अपने घर भोपाल जाने का निर्णय लिया. पैसे ना होने की वजह से उन्होंने पैदल चलने का निर्णय लिया. दिल्ली से पैदल निकले दोनों लोग 4 दिन बाद मथुरा पहुंचे बिना खाए पिए चल रहे दोनों पति-पत्नी का हालत बिगड़ने लगा फिर भी हिम्मत बांधते हुए दोनों लोग मथुरा से आगरा पहुंचे. आगरा में आदिवासी महिला का हालत ज्यादा बिगड़ गया. जब दोनों पति-पत्नी इलाज के लिए आगरा के एसएन अस्पताल में पहुंचे. तो वहां भी उनको निराशा मिली.
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आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों पर आदिवासी महिला के इलाज के लिए पैसे मांगने के आरोपों पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजय काला ने बी कड़ा रुख अख्तियार किया है. प्रिंसिपल ने कहा है कि सरकार गरीबों के इलाज के लिए तमाम संसाधन उपलब्ध कराती है. अस्पताल के डॉक्टर भी मरीजों के लिए रात दिन मेहनत करते हैं इसके बावजूद अस्पताल के कुछ कर्मचारी अपने कामों से इंसानियत और सरकार दोनों पर ही दाग लगा रहे हैं. कर्मचारियों का यह व्यवहार बहुत ही शर्मनाक है. उनके इस व्यवहार से पूरे आगरा शहर का नाम खराब करने का काम किया है. इस मामले से जुड़े कर्मचारी का पता लगा कर उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें इस अस्पताल में पिछले साल प्रिंसिपल ने पैसे उगाही से संबंधित मामले में शिकायत मिलने पर एक कर्मचारी की छुट्टी कर दी थी. इसके बावजूद अस्पताल के कई विभागों में काम के बदले पैसे मांगने के आरोप लगते रहे हैं.
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