आगरा की धड़कन बढ़ा रहा है कोरोना मीटर, जानें किन संकेतों से उड़ी सबकी नींद
- कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का आलम यह है कि पिछले आठ दिनों में कोरोना वायरस के 81 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं और वहीं हर रोज एक मौत हो रही है।
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आगरा। मुख्य संवाददाता
कोरोना वायरस के कहर से ताजनगरी में खौफ कायम है। लगतार बढ़ता कोरोना मीटर आगरा वालों की धड़कन बढ़ा रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का आलम यह है कि पिछले आठ दिनों में कोरोना वायरस के 81 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं और वहीं हर रोज एक मौत हो रही है।
इसके अलावा, पिछले एक हफ्ते में इस खतरनाक कोविड-19 महामारी से नौ लोग दम तोड़ चुके हैं। सबसे बड़ी चिंता आगरावालों की अब ये है कि कोरोना वायरस से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी अब पहले से काफी कम हो गई है। जिले में कोरोना वायरस के एक्टिव केस का आंकड़ा एक हफ्ते में 40 को पार कर गया है। इस तरह से कोरोना का जो जिले में ग्राफ दिख रहा है, वह अच्छे संकेत नहीं हैं। इसकी वजह से प्रशासन की भी नींद उड़ी हुई है। तीन महीने से ज्यादा समय से उत्तर प्रदेश में आगरा अव्वल बना हुआ है।
अगर पिछले महीने की बात करें तो जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 899 थी। मगर आठ जून तक ये संख्या 980 तक जा पहुंच गई। इसी तरह मई के अंत तक कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की संख्या 42 थी। जून के पहले हफ्ते में मृतकों की संख्या 51 तक जा पहुंची। यानी कोरोना के संक्रमण से रोज एक मौत हुई। लोगों में संक्रमित केस से नहीं बल्कि इससे होने वाली मौतों से दहशत है। आंकड़ों पर नजर डालें तो मई के अंतिम सप्ताह में 35 कोरोना संक्रमित मिले थे। जून के प्रथम सप्ताह में ये आंकड़ा दोगुने से ज्यादा पहुंच गया।
स्वस्थ होने वालों का मई के अंतिम सप्ताह में आंकड़ा 57 था जो जून के प्रथम सप्ताह में 31 रह गया। यानी जो रफ्तार मई में स्वस्थ होने की थी। वह जून में कम होनी शुरू हो गई। कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने से प्रशासनिक अधिकारियों में भी बेचैनी है। कटेंनमेंट जोन लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें रोज नए इलाके भी शामिल हो रहे हैं। इससे आम लोगों को भी परेशानी हो रही है।
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