सरकारी दफ्तरों में तेजी से फैल रहा कोरोना, दहशत में अधिकारी-कर्मचारी
सरकारी कार्यालयों में कोरोना काल में सबसे अधिक सावधानियां बरती गईं लेकिन आगरा के कई अधिकारी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. ऐसे में हजारों लोगों पर कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. इस स्थिति को देखते हुए कार्यालयों में बड़े स्तर पर टेस्टिंग की योजना बनाई जा रही है. अधिकारियों के संपर्क में आए जनप्रतिनिधियों के समेत कई लोगों की जांच कराई जाएगी.
सरकारी अधिकारियों के कंटेनमेंट जोन में भ्रमण करने के कारण उन्हें और उनके साथ रहने वाले कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मंडलायुक्त की मां को इसी के चलते कोरोना संक्रमण हुआ है. उनके चालक और सुरक्षाकर्मी भी कोरोना की चपेट में आए हैं. एसएनएमसी के प्राचार्य भी इसी के कारण संक्रमित हुए. जिले के अधिकारी लगातार लोगों के संपर्क में रहने के कारण खुद को असहज महसूस करने लगे हैं.
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अधिकारियों के अनुसार सरकारी कार्यालयों में कोरोना की पहुंच जून में दफ्तरों के खोलने के बाद हुई. वैसे तीन-तीन शिफ्टों में 30 फीसदी स्टाफ को ही बुलाया जा रहा था. सभी कार्यालयों के गेटों पर प्रवेश करने वाले व्यक्तियों का तापमान भी लिया जाता है लेकिन कभी-कभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता.
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जनप्रतिनिधियों को भी कोरोना ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह की पुत्रवधु भी कोरोना की चपेट में आ चुकी हैं. इससे पहले राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश की फ्लीट के चालक को भी कोरोना हो चुका है. दक्षिण क्षेत्र के विधायक योगेंद्र और उनका पूरा परिवार ही कोरोना पॉजिटिव पाया गया. लगातार लोगों के संपर्क में रहने के कारण अन्य जनप्रतिनिधियों को भी कम खतरा नहीं है।
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