GRP ने 20 दिन में ढूंढ निकाले 100 बच्चे, बालगृह और स्टेशनों पर रहते थे बच्चे
- आगरा में जीआरपी ने ऑपरेशन जीआरपी ने 20 दिनों में ही करीब 100 बच्चों को तलाश कर उनके परिजनों को सौंप दिया है. इनमें से ज्यादातर बच्चे बालगृह और स्टेशनों पर रह रहे थे. जीआरपी द्वारा इस ऑपरेशन को अभी भी जारी किया हुआ है.
आगरा में जीआरपी ने ऑपरेशन जीआरपी ने 20 दिनों में ही करीब 100 बच्चों को तलाश कर उनके परिजनों को सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर बच्चे बालगृह और स्टेशनों पर रह रहे थे. जीआरपी द्वारा इस ऑपरेशन को अभी भी जारी किया हुआ है. जीआरपी की टीमें अब दूसरे चरण में बच्चों को ढूंढने के लिए महानगरों में भी जाएंगी. यह काम जीआरपी ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत किया है.
इस मामले के बारे में बात करते हुए जीआरपी आगरा अनुभाग के प्रभारी एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि आगरा व झांसी की टीमों को प्रदेश के आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, कासगंज, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, कानपुर, महोबा, झांसी व चित्रकूट जिलों में भेजा गया था. टीम ने सर्विलांस व लोगों से जानकारी जुटाकर ऑपरेशन के तहत करीब 100 बच्चों को 20 दिनों में ढूंढ निकाला.
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बताया जा रहा है कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत तलाशे गए बच्चों में फिरोजाबाद के बालगृह में दो साल से रह रहे सचिन को भी पकड़ा और उसके परिजन को सुपुर्द कर दिया गया है. सचिन ने टीम को बताया था कि उसके माता-पिता वृंदावन में किराए पर रहते थे. सचिन के कहे मुताबिक टीम उसे लेकर वृंदावन पहुंची. दो दिन गली-गली घूमने के बाद तीसरे दिन सुनरख कालोनी वृंदावन में उसक स्वजन से मिलवाया.
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