आगरा: कोरोना योद्धाओं को मुसीबत में देख ‘शहंशाह’ की तरह बढ़े दानवीरों के हाथ
- आपके अपने अखबार ‘हिदुस्तान’ ने सोमवार की सुबह सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) के कोरोना योद्धाओं की पीड़ा और एयर कंडीशनर के लिए धन की कमी को उजागर किया तो, कुछ ही घंटों में दानवीर सामने आ गए। एसएनएमसी को कुल 50 एयर कंडीशनर की जरूरत थी और खबर लिखे जाने तक 26 का इंतजाम हो चुका था।

आगरा। पवन तिवारी
‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो’- क्रांतिकारी कवि दुष्यंत कुमार की यह पंक्तियां आगरा के ‘शहंशाह’ के संदर्भ में चरितार्थ हो गईं। आपके अपने अखबार ‘हिदुस्तान’ ने सोमवार की सुबह सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) के कोरोना योद्धाओं की पीड़ा और एयर कंडीशनर के लिए धन की कमी को उजागर किया तो, कुछ ही घंटों में दानवीर सामने आ गए। एसएनएमसी को कुल 50 एयर कंडीशनर की जरूरत थी और खबर लिखे जाने तक 26 का इंतजाम हो चुका था।
‘हिन्दुस्तान’ ने सोमवार के अंक में ‘शहंशाहों के शहर में एसी को तरस रहा एसएनएमसी’ और इसके एक दिन पहले रविवार के अंक में ‘भीषण गर्मी में बेहोश होकर गिरे पर कम न हुआ जज्बा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इनमें बताया गया कि एसएनएमसी के कोविड-19 अस्पताल में हवा रोधी पीपीई किट पहनकर सेवा में लगे डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के लोग बेहोश हो रहे हैं। कारण कि आइसोलेशन वार्डों में एयर कंडीशनर नहीं हैं। हिन्दुस्तान ने इसे टटोला तो पाया कि मेडिकल कालेज के पास धन नहीं है। सरकार से मदद मांगी है, यह कब तक आएगी पता नहीं। तब तक बिना एसी काम कर रहे कोरोना योद्धाओं का क्या होगा। इन्हें कैसे बचाया जाएगा। ये नहीं बचाए गए तो कोविड-19 से लोगों को कौन बचाएगा। ‘हिन्दुस्तान’ की पहल पर आज कई लोग एयर कंडीशनर देने के लिए आगे आए। कुल 50 एयरकंडीशनर चाहिए थे जिसमें से 26 का इंतजाम सोमवार की शाम तक हो गया। अब शेष 24 का इंतजाम के लिए शहर के कुछ और दानवीरों का इंतजार है।
हिन्दुस्तान की पहल: जो काम शासन-प्रशासन न कर सका, आगरा के दानवीरों ने कर दिखाया
तड़पते हुए काम कर रहे योद्धा
पीपीई किट में बंद कोरोना योद्धा तड़पते हुए काम कर रहे हैं। अस्पताल के अफसर भी स्थितियों को समझ रहे हैं। लिहाजा बेटा-बेटा कहकर आइसोलेशन में भेज रहे हैं। किसी तरह का दबाव नहीं बना रहे। कारण कि वह मजबूर हैं। योद्धाओं को आराम देने के लिए अस्पताल में एक ठंडा कोना नहीं दे पा रहे हैं। फर्ज की खातिर डाक्टर, रेजीडेंट्स, सफाई कर्मचारी और नर्सें खतरा उठा रही हैं। काम करने के बाद जब किट उतारते हैं तो चेहरा लाल होता है। शरीर भीगा हुआ होता है। सांस फूल चुकी होती है।
शहर का कर्ज चुकाने का यही समय
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसएनएमसी डा. जितेन्द्र यादव के मुताबिक, किसी भी इंसान के लिए देश, समाज और शहर का कर्ज चुकाने का यही अवसर होता है। हर शहर में संपन्न लोग होते हैं। वे चाहें तो एक झटके में कोई भी बड़ी मदद कर सकते हैं। फिर मेडिकल कालेज तो सभी का है। जो कालेज 166 साल से देश को मुफ्त सेवा दे रहा है। लाखों की जान बचा चुका है, उसके लिए लोग कुछ नहीं कर रहे, यह अचरज की बात है। संपन्न लोगों को आगे आना चाहिए। ऐसे महामारी से निपटने के लिए साथ आकर हाथ बंटाना चाहिए।
ये हैं आगरा के ‘शहंशाह’
विशाल चेरिटेबल सोसायटी (12 स्पिलिट एसी)
सोसायटी के अध्यक्ष लायन डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि मंगलवार दोपहर एक बजे संस्था के पदाधिकारी दो टन क्षमता के 12 स्पिलिट एयर कंडीशनर एसएनएमसी को देंगे। साथ ही 500 पीपीई किट भी दान में देंगे। इस मौके पर सोसायटी के सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। सोसायटी जल्द ही दस और एयर कंडीशनरों का प्रबंध करने का प्रयास करेगी।
डॉ. आलोक अग्रवाल (10 स्पलिट एसी)
डीएम अस्पताल कमलानगर के संचालक डा. आलोक अग्रवाल ने सोमवार को हिन्दुस्तान पढ़ने के तत्काल बाद एसएनएमसी के कोविड अस्पताल को अपनी ओर से दस दो टन स्पिलिट एयर कंडीशनर देने की घोषणा की है। वह मंगलवार को इन्हें अस्पताल को सौंपेंगे। डा. अग्रवाल ने कहा कि जीवन में सेवा का ऐसा मौका किस्मत वालों को नसीब होता है। ऐसे समय में डाक्टरों के जीवन की रक्षा करना देशवासियों का परम कर्तव्य है।
प्रयास संस्था (दो विंडो एसी)
प्रयास संस्था ने कोविड अस्पताल के लिए दो एयर कंडीशनर सुबह हिन्दुस्तान पढ़ने के बाद दोपहर ही भिजवा भी दिए हैं। संस्था के राहुल महाजन ने बताया कि जैसे ही उन्हें डाक्टरों के गर्मी में काम करने, गिरने की खबरें पता चलीं तो उन्होंने एसएन से संपर्क किया। फौरी राहत के लिए दो एयर कंडीशनर भिजवा दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक दोनों एयर कंडीशनर नए कोविड अस्पताल में लगवाए जा रहे हैं।
प्रमोद गुप्ता ( दो स्पिलिट एसी)
पूर्व डिप्टी मेयर प्रमोद गुप्ता का कहना है कि सोमवार को जब हिन्दुस्तान में एसी न होने के कारण लोगों की परेशानी को पढ़ा तो मन द्रवित हो उठा। काफी देर तक सामान्य नहीं हो पाया। हिन्दुस्तान के माध्यम से एसएनएमसी के प्राचार्य से बात की और दो एसी मंगलवार को सौंपने का फैसला किया। उन्होंने कहा यदि आगे भी वहां इस तरह की जरूरत होगी तो वह आगे बढ़कर मदद करने को तैयार रहेंगे।
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