Covid-19 के नए स्ट्रेन में पुराने इलाज का तरीका ही कारगर, आगरा फिलहाल सुरक्षित
- बीते दिनों वायरस के नए स्ट्रेन पर राष्ट्रीय कार्य बल (NTF) की बैठक बुलाई थी. बैठक में यूके से आ रहे यात्रियों में सार्स-सीओवी-2 के लिए ज्यादा जीनोमिक निगरानी करने पर जोर दिया गया है. यूके से आगरा आए लगभग सभी यात्रियों की जांच हो चुकी है. सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
आगरा: बीते दिनों कोरोना विशेषज्ञों की बैठक में चर्चा के दौरान बताया गया कि कोविड-19 के नए रूप में इलाज बदलने की जरूरत नहीं है. मौजूदा इलाज ही जारी रखा जा सकता है. हां, परीक्षण बढ़ाए जा सकते हैं. आईसीएमआर ने सार्स-सीओवी-2 के लिए दो या ज्यादा जांच की वकालत की है. मौजूदा रणनीति का प्रयोग करने से संक्रमितओं के छूटने की आशंका कम रह जाती है. बीते दिनों वायरस के नए स्ट्रेन पर राष्ट्रीय कार्य बल (NTF) की बैठक बुलाई थी.
इस में सामने आया कि वायरस के शुरू में गैर समानार्थी परिवर्तन (अमीनो एसिड में बदलाव) 6 समानताएं (गैर अमीनो एसिड में बदलाव) और तीन विलोपन हैं. आठ बदलाव स्पाइक (S) जीन में मौजूद है. जो मानव स्वसन कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश का बिंदु है. लिहाजा यहां इस स्ट्रेन से संक्रमितों की पहचान और इसके फैलाव को रोकने जरूरी है.
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बैठक में यूके से आ रहे यात्रियों में सार्स-सीओवी-2 के लिए ज्यादा जीनोमिक निगरानी करने पर जोर दिया गया है. इसके अलावा S जीन के सामने आने दोबारा संक्रमण के प्रमाणित मामलों में संबंधित नमूनों में जीनोम सिकवेंसिंग कराना भी महत्वपूर्ण रहेगा. सभी नमूनों के प्रतिनिधि नमूनों में सार्स- सीओवी-2 की जिनोमिक निगरानी जारी रखने की जरूरत बताई गई है
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विशेषज्ञों ने बनाई है रणनीति
बैठक में नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर विनोद पाल, आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव की मौजूदगी में रणनीतिक तौर की तैयार की गई है. एम्स के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया के अलावा भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक, स्वास्थ्य मंत्रालय और (ICMR) के प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वतंत्र विशेष विशेषज्ञों ने भी भाग लिया.
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आगरा में फिलहाल कोई खतरा नहीं
यूके से आगरा आए लगभग सभी यात्रियों की जांच हो चुकी है. सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इनकी लगातार निगरानी में जुटा है. नया ट्रेंड नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी विपरीत असर दिखा सकता है. एनजीओ के स्वयंसेवक भी सभी लोगों के घरों की निगरानी कर रहे हैं. हर रोज उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है. आपात स्थितियों के लिए स्वास्थ्य विभाग पहले से तैयार है. एसएन मेडिकल कॉलेज कोविड-19 ताल के नोडल ऑफिसर डॉ प्रशांत गुप्ता का कहना है कि लोगों को बेहद सावधानी की जरूरत है हालांकि आगरा में कोविड-19 बहुत कम है अस्पताल में भी अब कम मरीज हैं लोग जितना सावधान रहेंगे उतना बेहतर है
प्रवेश बिंदु निगरानी
21 से 23 दिसंबर के बीच यूके से आए यात्रियों की हवाई अड्डे पर जांच.
RT PCR की नेगेटिव रिपोर्ट वालों को ही निकलने की अनुमति दी गई.
पॉजिटिव यात्रियों को आइसोलेट किया गया नमूने WGS के लिए भेजें.
WGS में गैर बदले वायरस की पुष्टि पर भी संस्थान आइसोलेशन भेजा.
पॉजिटिव मरीजों के सभी संपर्कों को भी क्वॉरेंटाइन केंद्र भेजा गया.
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सामुदायिक निगरानी
28 दिनों में यूके से आए लोगों की सूची संबंधित राज्यों के आव्रजन ब्यूरो भेजें.
25 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच आए लोगों के लिए राज्य जिला इकाइयों से निगरानी.
सभी पॉजिटिव मामलों में आइसोलेशन के लिए भेजना अनिवार्य कर दिया गया है.
सभी पॉजिटिव मामलों के नमूनों को WGS के लिए भेजा जा रहा है.
मरीजों को 14 दिन बाद दो नमूने की जांच नेगेटिव आने पर ही भेजा जा रहा.
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