कोरोना काल में बदला रेलवे का रिजर्वेशन फॉर्म, जानें अब क्या डिटेल्स देने होंगे

Smart News Team, Last updated: Thu, 4th Jun 2020, 8:27 PM IST
  • रेलवे ने स्टेशनों पर बने रिजर्वेशन काउंटर (पीआरएस) से जुड़े सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। इसका प्रभाव स्टेशनों पर रिजर्वेशन के लिए आने वाले लोगों पर पड़ेगा। नए प्रोफार्मा में यात्री को अपना पूरा पता, मकान नंबर, गली, कॉलोनी, तहसील का पूरा विवरण देना होगा।
Indian Railway Train (File Photo)

आगरा, अमित पाठक

कोरोना संकट में न सिर्फ लोगों के रहन-सहन और जीने के तौर-तरीके बदले हैं, बल्कि कोरोना काल ने भारतीय रेलवे को भी कुछ हद तक बदल दिया है। अगर आप ट्रेन से सफर करने की सोच रहे हैं तो आपको यह खबर जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि रेलवे ने अब अपने रिजर्वेशन फॉर्म में बदलाव किया है। रेलवे के इस नए रिजर्वेशन फॉर्म में मकान नंबर, गली, कॉलोनी, तहसील, शहर और जिले आदि की जानकारी देनी होगी।

दरअसल, रेलवे ने स्टेशनों पर बने रिजर्वेशन काउंटर (पीआरएस) से जुड़े सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। इसका प्रभाव स्टेशनों पर रिजर्वेशन के लिए आने वाले लोगों पर पड़ेगा। नए प्रोफार्मा में यात्री को अपना पूरा पता, मकान नंबर, गली, कॉलोनी, तहसील का पूरा विवरण देना होगा।

एक जून से देशभर में 200 ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ है। लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोगों का पलायन जारी है। इसे देखते हुए राज्य सरकारों ने ट्रेनों से आने वाले लोगों के गंतव्य से जुड़ा पूरा विवरण साझा करने के लिए कहा था। इसके बाद रेलवे के पीएसयू सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया था। ऑफलाइन रिजर्वेशन चालू होने के बाद क्रिस ने बीते सोमवार से पीआरएस के सॉफ्टवेयर में भी बदलाव कर दिया है। इसके चलते अब स्टेशनों पर रिजर्वेशन कराने के लिए आने वाले लोगों को अपने गंतव्य से जुड़ी पूरी जानकारी रेलवे के साथ साझा करनी पड़ेगी।

जानें क्या-क्या जानकारियां देनी होंगी

यात्रियों को रिजर्वेशन फॉर्म में वही मोबाइल नंबर देना होगा, जिसे लेकर वह यात्रा करेगा। इसके साथ उसे डेस्टिनेशन स्टेशन से जुड़ी जानकारी भी रिजर्वेशन क्लर्क को बतानी होगी। इसमें उसे मकान नंबर, गली, कॉलोनी, तहसील, जिला, शहर, राज्य और उस शहर में जाने की वजह बतानी होगी।

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