प्रशासन की लापरवाही, अकबर के मकबरे में सियार ने किए काले हिरण के चिथड़े

Smart News Team, Last updated: Wed, 7th Oct 2020, 1:28 PM IST
  • पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विकास यादव ने बताया कि हिरन काफी बूढ़ा हो गया था. जिसके कारण वो सियार के हमले से खुद को बचा नहीं पाया और उसकी मौत हो गई. मंगलवार को पहले भी 12 साल के हिरण की मौत सियार के हमले से हो चुकी है.
मृत हिरन को देखने जाती टीम

आगरा. मंगलवार को सिकंदरा स्थित अकबर के मकबरे में सियार ने कृष्ण मृग हिरण की पर हमला करके उसकी हत्या कर दी. हमले के बाद वन विभाग और एएसआई की उद्यान शाखा वहां पहुँची और मामले को रफादफा करने में जुट गई लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स की टीम ने इस मामले को सामने लाने की कोशिश की जिसके चलते मामला के बारे में पता चल सका. तीन सदस्यों की पशुचिकित्सकों टीम ने पोस्टमार्टम किया जिसके बाद हिरण को जलाया गया जिसके बाद हिरण को जलाया गया. मंगलवार को पहले भी 12 साल के हिरण की मौत सियार के हमले से हो चुकी है. इसमें प्रशासन की लापरवाही दिखाई पड़ रही है.

मामला पर बात करते हुए पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विकास यादव ने बताया कि हिरन काफी बूढ़ा हो गया था. जिसके कारण वो सियार के हमले से खुद को बचा नहीं पाया और उसकी मौत हो गई. जानकारी मिलने पर हिरण को पोस्टमार्टम कर दिया गया है. हिरण के मरने की खबर मिलते ही वन विभाग और एएसआई की उद्यान शाखा ने हिरण की मौत को छुपाने की कोशिश की गई. उद्यान सहायक प्रीतम सैनी से पूछने पर पहले उन्होंने किसी भी तरह की घटना से मना कर दिया लेकिन पशु चिकित्सकों की टीम आते ही मामला सबके सामने आ गया. 

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अकबर के मकबरे में इस समय लगभग 70 कृष्ण मृग हिरन हैं जो कि पीछे की दीवार की तरफ रहते हैं.  दीवार के रास्ते से सियार परिसर में घुस आते हैं. प्रशासन की तरफ से इन सियारों को पकड़ने की कोशिश की जाती रही है लेकिन फिर भी उनके हमलों को रोका नहीं रोका जा सका है. 

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