रमाकांत पाठक हत्याकांड में आरोपी 12 पुलिसकर्मी 40 साल से फरार, कोर्ट ने DGP को कुर्की के आदेश दिए

Nawab Ali, Last updated: Mon, 11th Oct 2021, 10:04 AM IST
  • उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में 1980 में रमाकांत हत्याकांड में आरोपी 12 पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं. कोर्ट ने आरोपियों के वारंट जारी होने के बाद पेश न होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश डीजीपी को आरोपी पुलिसकर्मीयों की कुर्की के आदेश दिए
मैनपुरी रमाकांत हत्याकांड में आरोपी पुलिसकर्मियों की कुर्की के आदेश. फाइल फोटो

आगरा. उत्तर ओरदेश के मैनपुरी में साल 1980 में रमाकांत पाठक हत्याकांड के आरोपी पुलिसकर्मी 40 साल से फरार हैं. 40 साल से पुलिस फरार हत्यारोपी 12 पुलिसकर्मियों को आज तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है. सीबीसीआईडी की जांच में सीओ समेत 12 पुलिसकर्मीयों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था. कोर्ट ने एनकाउंटर से जुड़े सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को फरार घोषित कर दिया है साथ ही डीजीपी को कुर्की करने के आदेश दिए हैं. आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने पर पुलिस पर संरक्षण के देने के आरोप लग रहे हैं. 

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी कोतवाली के मोहल्ला सोतियाना में 20 अक्टूबर 1981 को रमाकांत पाठक का कोतवाली पुलिस ने एनकाउंटर किया था. पुलिस ने मुठभेड़ में रमाकांत को मार गिराने के साथ ही तमंचा बरामद बरामदगी का दावा किया था. लेकिन परिजनों का कहना था कि पुलिस ने रमाकांत को घर से ले जाकर फर्जी एनकाउंटर की कहानी गढ़ी. पिता रमाशंकर की शिकायत के बाद मामले की सीबीसीआईडी जांच हुई जिसमें तत्कालीन सीओ शीलभद्र धर द्विवेदी, इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह, एसआई होतीलाल यादव, महावीर सिंह, वीरेंद्र सिंह, सतीश मोहन गोस्वामी, मोहर सिंह वर्मा, कांस्टेबल गेंदालाल, रामलाल, ध्रुव नरायन, चंद्रभान, जीप चालक राजपाल सिंह को रमाकांत को घर से ले जाकर हत्या करने का दोषी पाया गया.

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40 साल से ज्यादा समय से फरार होने के चलते कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने डीजीपी को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा सिस्टम आरोपियों को बचाने में लगा है. कोर्ट ने डीजीपी को आरोपी पुलिसकर्मियों के घर की कुर्की करने के आदेश दिए हैं. मामले में आरोपी सीओ शीलभद्र धर द्विवेदी तथा इंस्पेक्टर के साथ ही शिकायकर्ता रमाशंकर पाठक की मौत हो गई हो चुकी है.

 

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