दवाइयों की आड़ में टिंचर बेचता था मेडिकल फर्म, औषधि विभाग ने किया लाइसेंस रद्द
- आगरा के फ्रीगंज रोड यमुना किनारे पर स्थित एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द किया गया है. मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की आड़ में अवैध रुप से टिंचर-जिंजर बेची जा रही थी. मेडिकल फर्म से 42 शीशी टिंचर की बरामद की गई है. इस पर मेडिकल को नोटिस भेजा गया था और अब मेडिकल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.
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आगरा : पुलिस और आबकारी विभाग की सख्ती के बाद भी अवैध शराबों का कारोबार थम नहीं रहा है. आगरा के फ्रीगंज रोड यमुना किनारे पर स्थित एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द किया गया है. मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की आड़ में अवैध रुप से टिंचर-जिंजर बेची जा रही थी. मेडिकल स्टोर पर हो रहे इस अवैध धंधे के खिलाफ फ्रीगंज निवासी संगठन के अध्यक्ष विनय गौतम के साथ 7 अन्य लोगों ने 9 जून 2020 को पुलिस कमिश्नर और डीएम से शिकायत की थी. शिकायत को लेकर मामला हाइकोर्ट तक पहुंच गया था.
शिकायत में इन्होंने कहा था कि मैसर्स श्रीजी मेडिकल स्टोर फ्रीगंज पर मेडिकल के लाइसेंस की आड़ में टिंचर-जिंजर बेची जा रही है. इससे पहले बीते साल 7 जुलाई को औषधि निरीक्षक ने स्थानीय निवासी और एसपी गौतम की मौजूदगी में फर्म का निरीक्षण भी किया था. निरीक्षण के दौरान फर्म की कई कमियों का पता चला था. निरीक्षण के वक्त फर्म का मेन मेडिसिन लाइसेंस शर्तों के मुताबिक नहीं दिखाया गया था और खुद फार्मासिस्ट गब्बर हुसैन भी अनुपस्थित था. फर्म पर दवाइयों और टिंचर की खरीद बिक्री का भी रिकॉर्ड नहीं था.
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इसके साथ ही एक्सपायरी दवाओं के भंडारण का प्रबंध भी नहीं था. वहीं, कम तापमान में रखी जाने वाली दवाओं के लिए फ्रिज तक नहीं मिला था. मेडिकल स्टोर में कोई एलोपैथि दवा भी नहीं थी. वहीं, इस दौरान मेडिकल से 42 शीशी टिंचर की बरामद की गई थी. इस आधार पर फर्म को नोटिस भेजा गया था. संचालक का जवाब न मिलने पर दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. इस पर संचालक गोपाल गौतम ने 19 अक्टूबर 2020 को स्पष्टीकरण दिया था. सभी कमियों को दूर करने का दावा करते हुए उसने मेडिकल के लाइसेंस बहाली का अनुरोध किया था.
फर्म ने लाइसेंस रद्द करने के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट दायर की थी. रिट पर हाइकोर्ट ने पांच जनवरी 2021 को नियम के मुताबिक निस्तारण का आदेश दिया था. निस्तारण के आदेश पर औषधि विभाग ने हाईकोर्ट को जवाब दिया था. जिस पर कोर्ट ने 22 जून को आदेश पारित कर तीन सप्ताह में पूर्ण निस्तारण के आदेश दिए. औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने सात जुलाई को मंडल के औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी (विक्रय) डा. एके जैन को अंतिम आख्या भेजी थी. उन्होंने आख्या के आधार पर फर्म का लाइसेंस निरस्त कर दिया है.
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