नवजात को सरकारी मेडिकल कॉलेज में नहीं मिला इलाज, दादी ने लगाए थे चक्कर
- आगरा में खेरागढ़ की माया को अपनी नवजात पोती को लेकर तीन घंटे तक अस्पताल में दर-दर भटकना पड़ा. लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि उस एक दिन की बच्ची को हॉस्पिटल में कहीं भी इलाज नहीं मिला.
आगरा.आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर से लापरवाही का मामला सामने आया है. बीते दिन ही आगरा के मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ओपीडी से निराश होकर लौटना पड़ा. उनमें ही शामिल खेरागढ़ की माया को अपनी नवजात पोती को लेकर तीन घंटे तक अस्पताल में दर-दर भटकना पड़ा. लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि उस एक दिन की बच्ची को हॉस्पिटल में कहीं भी इलाज नहीं मिला. बताया जा रहा है कि माया अपनी एक दिन की पोती को लेकर अस्पताल के तीन विभागों में गई, लेकिन बच्ची को कहीं भी इलाज नहीं मिला.
सावधान! वायु प्रदूषण के सबसे खतरनाक जोन में पहुंचा आगरा, हवा हुई जहरीली
इस बारे में बात करते हुए खेरागढ़ की रहने वाली माया ने बताया कि उसकी एक दिन की पोती के पीठ पर फोड़ा था. उसे जब इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया तो माया को वहां से नई इमारत बाल रोग विभाग में भेज दिया गया. वहां माया को बताया गया कि यह मामला सर्जरी विभाग का है, जिसके लिए उसे ओपीडी लेकर जाना पड़ेगा. ओपीडी में लेकर गए तो बताया गया कि वह शनिवार को खुलेगा, इसलिए इसे वापस इमरजेंसी लेकर जाना पड़ेगा. वहां भी माया को बाद में ही आने के आदेश दिये गये. ऐसे में माया ने बताया कि वह बच्ची को लेकर नौ बजे से लेकर 12 बजे तक अस्पताल में ही भटकती रही, लेकिन किसी भी विभाग में उसे इलाज नहीं मिला.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब एसएस मेडिकल कॉलेज में इस प्रकार की घटना हुई हो. उनसे पहले फिरोजाबाद के असगर अली भी अपनी बच्ची को लेकर ओपीडी में आए थे. उनकी बेटी को मिर्गी का दौरा पड़ा था. वहीं, जब पर्चा बनाने के लिए ओपीडी में गए तो वहां उन्हें कहा गया कि उसकी हालत खराब है, इसलिए इसे इमरजेंसी लेकर चले जाओ. ऐसे में असगर ने कहा कि तब तक कोई दवा लिख दो बच्ची के लिए, जिसपर उन्हें बताया गया कि डॉक्टर ही नहीं बैठे हैं. काफी देर तक सुनवाई नहीं हुई तो बच्ची को निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया.
अन्य खबरें
सावधान! वायु प्रदूषण के सबसे खतरनाक जोन में पहुंचा आगरा, हवा हुई जहरीली
7 नवंबर: लखनऊ कानपुर आगरा वाराणसी मेरठ में आज वायु प्रदूषण एक्यूआई लेवल