आगरा वालों सावधान! बारिश के मौसम में कहर बरपाएगा कोरोना, ऐसे बिगड़ेंगे हालात

Smart News Team, Last updated: Thu, 18th Jun 2020, 9:57 AM IST
  • कोरोना संकट के बीच बारिश का मौसम दस्तक देने वाला है। ऐसे मौसम में कोरोना वायरस का संक्रमण भी कहर बरपाने को तैयार है। कोरोना काल में बारिश की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के मरीज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
दो दिन में मानसून आने से आगरा जनपद में और खराब हो सकती है स्थिति (फाइल फोटो)

कोरोना संकट के बीच बारिश का मौसम दस्तक देने वाला है। ऐसे मौसम में कोरोना वायरस का संक्रमण भी कहर बरपाने को तैयार है। कोरोना काल में बारिश की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के मरीज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। अभी तैयारियां पूरी नहीं हैं। कुछ अस्पताल ही ओपीडी चलाकर इलाज कर रहे हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ने पर हालात बिगड़ सकते हैं।

आगरा में मानसून आने में दो दिन का समय रह गया है, जिसके बाद जमकर बारिश होगी। जगह-जगह जलभराव होगा। जलभराव और गंदगी के कारण मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ेगी। इन मरीजों के इलाज के लिए जिले में बड़ी संख्या में अस्पतालों की जरूरत होगी। अभी कुछ अस्पताल ही ओपीडी चलाकर इलाज कर रहे हैं। इन अस्तालों में भी मरीज के भर्ती होने से पहले कोविड का टेस्ट कराना होता है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही अस्पतालों में इलाज शुरू किया जाता है। रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर मरीज को आइसोलेशन में भेजा जाता है। रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती किया जाता है।

जिला प्रशासन ने बारिश के मौसम को देखते हुए निजी अस्पताल संचालकों से बातचीत तो शुरू कर दी है, लेकिन अभी कुछ अस्पताल ही इसके लिए तैयार हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कोविड-19 मानकों के अनुसार व्यवस्था ही नहीं है। हालांकि उनसे भी इन मानकों को पूरा करने के लिए कहा गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर वहां भी नॉन कोविड मरीजों को भर्ती कराकर इलाज दिया जा सके। इन अस्पतालों में मरीजों की सेवा करने के लिए 150 से ज्यादा लोग स्वेच्छा से तैयार भी हो गए हैं। इनमें मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ के लोग शामिल हैं।

जिला अधिकारी प्रभु एन सिंह के मुताबिक, बारिश के मौसम को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं। ये मौसम कुछ परेशानी वाला हो सकता है। कोशिश की जा रही है कि इससे लोगों को बचाया जा सके।

 

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