चंबल सेंक्युअरी में विदेशी परिंदों ने डाला डेरा, साइबेरिया से भी आए स्पून बिल

Smart News Team, Last updated: Thu, 5th Aug 2021, 11:39 AM IST
  • सर्दियों के मौसम में कई विदेशी पक्षी आगरा की चंबल सेंक्चुअरी में अपना डेरा डाल रहे हैं. हालांकि, सर्दी के खत्म होने के बाद यह पक्षी अपने-अपने घरों को लौट जाते हैं. चंबल सेंक्चुअरी में हाल ही में साइबेरिया में पाए जाने वाले स्पून बिल भी आए हैं, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
चंबल सेंक्चुअरी में हाल ही में साइबेरिया में पाए जाने वाले स्पून बिल भी आए हैं

आगरा. सर्दियों के मौसम में कई विदेशी पक्षी आगरा की चंबल सेंक्चुअरी में अपना डेरा डाल रहे हैं. हालांकि, सर्दी के खत्म होने के बाद यह पक्षी अपने-अपने घरों को लौट जाते हैं. चंबल सेंक्चुअरी में हाल ही में साइबेरिया में पाए जाने वाले स्पून बिल भी आए हैं, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है. बताया जा रहा है कि साइबेरियन पक्षियों के आने से यहां चहचहाहट भी काफी बढ़ गई है.

साइबेरिया में पाए जाने वाले स्पून बिल अंधेरे में शिकार करने में माहिर होते हैं. चंबल सेंक्चुअरी में इन दिनों यह काफी संख्या में देखने को मिल रहे हैं. खासकर साइबेरियन स्पून बिल बाह के नंदगांव, क्यौरी, बासौनी और हरलाल पुरा में अधिक दिखाई दे रहे हैं. इन जगहों पर अकसर यह पक्षी समूहों में नजर आते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इनकी संख्या पिछले पांच सालों में और अधिक हो गई है.

साइबेरिया से आए स्पून बिल के बारे में बात करते हुए जलीय-जीव जंतु विशेषज्ञ सतेंद्र शर्मा ने बताया कि चंबल का शांत वातावरण, स्वच्छ जल और पर्याप्त भोजन मिलने के कारण स्पून बिल यहां बड़ी मात्रा में नजर आ रहे हैं. नदी में मिलने वाली मछली और जलीय कीड़े ही इनका भोजन होते हैं, जो यहां इन्हें आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. स्पून बिल की खासियत यानी चम्मच की तरह पतली चोंच, काली लंबी टांग और इनका सफेद रंग ही पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित लगता है. यह अंधेरे में भी चंबल नदी में अपना शिकार आसानी से खोज लेते हैं.

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