आगरा में लॉकडाउन के दौरान दर्ज 2160 मुकदमे होंगे वापस
- आगरा में कोरोना वायरस के दौरान करीब 4700 से अधिक लोगों के खिलाफ 2160 मुकदमे दर्ज थे, जिन्हें सरकार ने अब वापस लेने का फैसला किया है. यहां सबसे पहला मुकदमा सदर थाने में दर्ज हुआ था.

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे से उन्हें राहत मिलने जा रही है. वहीं, आगरा में भी करीब 4700 से अधिक लोगों के खिलाफ 2160 मुकदमे दर्ज थे, जिन्हें सरकार ने अब वापस लेने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि आगरा में कोरोना संक्रमण के दौरान महामारी अधिनियम के तहत पहला मुकदमा आगरा के सदर थाने में दर्ज हुआ था. यहां पारस हॉस्पिटल के संचालक और कर्मचारियों के खिलाफ कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था.
इसके अलावा आगरा में अगला मुकदमा कमला नगर में भी दर्ज किया गया था, जहां विदेश से लौटे बेटे की सूचना एक डॉक्टर द्वारा छुपाई गई थी. इससे इतर आगरा में जमातियों के खिलाफ भी महामारी अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज किये गए थे. बताया जा रहा है कि पुलिस ने बड़ी संख्या में आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज किये थे. इस बारे में बात करते हुए आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आगरा में जहां 2160 मुकदमे दर्ज हुए थे तो वहीं मामले में 1500 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
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आगरा में पिछले दिनों विवेचनाओं के निस्तारण का अभियान चलाया गया था, जिसमें कई लोगों के नाम मुकदमे से बाहर निकाले गए थे. इनमें करीब 4700 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था. वहीं, कुछ लोगों को जहां राहत दी गई तो दूसरी और कुछ को मुकदमों से ही निकाला गया. सरकार ने कुछ दिनों पहले व्यापारियों को राहत देने के लिए मुकदमा वापस लेने के निर्देश दिये थे तो वहीं अब आम जनता को भी सरकार ने राहत देने का फैसला किया.
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