श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवादः BJP MP हरनाथ सिंह ने की उपासना स्थल कानून खत्म करने की मांग

Shubham Bajpai, Last updated: Fri, 10th Dec 2021, 10:47 AM IST
  • भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने राज्यसभा में शून्यकाल में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को उठाया. उन्होंने इस मामले को लेकर कहा कि देश में उपासना स्थल कानून अधिनियम 1991 के प्रावधान असंवैधानिक हैं. यह धार्मिक भावनाओं के साथ क्रूरता है. इस दौरान उन्होंने इस कानून की समाप्त की मांग भी उठाई.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवादः BJP MP हरनाथ सिंह ने की उपासना स्थल कानून खत्म करने की मांग

आगरा. यूपी चुनाव के करीब आने के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. 6 दिसंबर को जलाभिषेक की घोषणा के बाद अब भाजपा सांसद हरनाथ सिंह ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया. इस दौरान उन्होंने उपासना स्थल कानून को असंवैधानिक बताते हुए समाप्त करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस कानून को समाप्त किया जाना चाहिए.

भगवान राम और योगीराज श्रीकृष्ण पर भेदभाव करता पैदा

सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कानून को श्रीराम और श्रीकृष्ण के बीच भेदभाव पैदा करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि ये कानून मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम व योगीराज श्रीकृष्ण के बीच भेदभाव पैदा करता है जबकि दोनों ही भगवान विष्णु के अवतार हैं.

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विपक्ष ने शून्यकाल में मामला उठाने पर जताई आपत्ति

विपक्ष के सांसदों ने हरनाथ सिंह यादव द्वारा शून्य काल में इस मुद्दे को उठाने को लेकर आपत्ति जताई. हरनाथ सिंह ने कहा कि नागरिकों के लिए न्यायालय के दरवाजे बंद नहीं किए जा सकते हैं. समान कृत्यों और परिस्थिति के लिए दो कानून नहीं हो सकते हैं.

आक्रांताओं द्वारा बलपूर्वक किया गया था कब्जा

हरनाथ सिंह ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने तलवार के दम पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि समेत कई पूजा स्थलों व मंदिरों पर कब्जा कर लिया था. जिसको पिछली सरकारों ने कानूनी रूप दे दिया. इस कानून के प्रावधान मनमाने हैं और ये देशवासियों की भावनाओं के साथ क्रूरता है.

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उपासना स्थल कानून के तहत ये प्रावधान किया गया था कि पूजा स्थलों की स्थिति जो 15 अगस्त 1947 को थी, उसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस कानून के खिलाफ नागरिक अदालत भी नहीं जा सकता और न इसे चुनौती दे सकता है. हालांकि इस कानून में अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि को अलग रखा गया है.

 

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