आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को कई शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी
- आगरा में सुप्रीम कोर्ट ने मेट्रो प्रोजेक्ट की हरी झंडी दे दी है. हालांकि, इससे पहले सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय मानकों को पूरा करने का आदेश दिया है.

आगरा. ताजनगरी में 8 हजार 379 करोड़ के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. अदालत में आगरा की ट्रैफिक व्यवस्था की बेहतरी को देखते हुए प्रोजेक्ट को अनुमति तो दी लेकिन पहले सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय मानकों को पूरा करने का आदेश दिया. सभी मानकों को पूरा करने के बाद एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल भी करनी होगी. इनमें एक शर्त प्रोजेक्ट के लिए काटे जाने वाले 1823 पेड़ की जगह 10 गुना ज्यादा 18230 लगाने होंगे.
आगरा मेट्रो को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी, ताजमहल के नीचे से गुजरेगी ट्रेन
बुधवार को कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आगरा में ट्रैफिक व्यवस्था की वजह से वहां मेट्रो चलाने की योजना को अनुमति देने की याचिका कारपोरेशन की ओर से आई थी.
आगरा मेट्रो: SC की शर्त- जितने पेड़ कटेंगे उससे 10 गुना ज्यादा लगाने भी होंगे
कोर्ट ने आगे कहा कि यह प्रदेश सरकार से जुड़ी संस्था है इसलिए शहर की यातायात व्यवस्था की बेहतरी के लिए प्रोजेक्ट को अनुमति दी जाती है लेकिन संबंधित पक्ष को सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी की सिफारिशों को पालन पूरी तरह करना होगा.
आगरा मेट्रो को मिली मंजूरी, जानें कितने और कौन से होंगे स्टेशन
आपको बता दें कि मेट्रो का यह प्रोजेक्ट 10830 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा जिसमें शहर के अंदर 2 कारीडीर बनाए जाएंगे. वहीं दोनों कॉरिडोर में 30 किमी लंबा ट्रैक होगा और 30 स्टेशन होंगे. इन स्टेशनों में 22 एलीवेटिड और आठ स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे.
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