बंदरों की लड़ाई में दो मंजिला मकान की दीवार भरभरा कर गिरी, दो की मौत
- आगरा के हरिपर्वत के घटिया स्थित सत्संग वाली गली में 55 वर्षीय लक्ष्मण तुलसियानी व मजदूर वीरा की मलबे में दबकर मौत हो गई. दो मंजिला मकान पर भवन निर्माण का चल रहा था कार्य. इसी बीच बंदरों की 30-40 की संख्या में आए झुंड में लड़ाई शुरू हो गई. बंदरों के झुंड ने दीवार पर टक्कर मारी जिससे दीवार गिर गई.
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आगरा: आगरा शहर के हरी पर्वत के घटिया स्थित सत्संग वाली गली में निर्माण चल रहे एक भवन पर बंदरों की 30-40 की संख्या में लड़ाई शुरू होने से एक दीवार भरभरा कर गिर गई. दीवार के मलबे में दबकर मकान मालिक और एक मजदूर की मौत हो गई. बंदरों के झुंड ने अचानक की आपस में लड़ाई शुरू कर दी जिससे दीवार गिर गई. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
ताज नगरी में यह पहली घटना नहीं है जब बंदरों के झुंड के चलते किसी की जान गई हो. लगातार कई वर्षों से बंदरों के आतंक के चलते आधा दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. बावजूद इसके वन विभाग बंदरों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है. आगरा में लोग बंदरों के आतंक से परेशान हैं. यही नहीं लोग छत पर भी जाने से डरते हैं. बंदरों का आतंक इस कदर छाया है कि लोग छत पर अकेले नहीं जाते हैं. जब भी कोई काम पड़ता है तो दो चार की संख्या में मिलकर ही छत पर जाते हैं.
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आपको बता दें कि आगरा के हरिपर्वत के घटिया स्थित सत्संग वाली गली में सोमवार को बंदरों का एक झुंड निर्माणाधीन भवन पर आ गया. यह भवन लक्ष्मण तुलसियानी का था. जहां दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा था. अचानक की 30-40 की संख्या में आए बंदरों ने आपस में लड़ाई शुरू कर दी.इस बीच बंदरों के टक्कर से 9 इंच की दीवार भरभरा कर गिर गई. नीचे बैठे 55 वर्षीय मकान मालिक लक्ष्मण तुलस्यानी और एक मजदूर वीरा दीवार के मलबे की चपेट में आ गए जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई. लक्ष्मण तुलस्यानी बैंक में सोने के जेवरात परखने का काम करते थे. उनके तीन भाई थे. मकान काफी पुराना हो चुका था जिसकी वजह से छत तुड़वा कर नई छत डलवाने का काम चल रहा था. तीन तरफ की दीवार टूट चुकी थी, सिर्फ एक ही दीवार बची हुई थी.
अचानक शाम 4:30 बजे के करीब बंदरों का एक झुंड छत पर आ गया जहां बंदरों ने आपस में लड़ाई शुरू कर दी जिसके बाद उनकी ठोकर से 9 इंच की दीवार भरभरा कर गिर गई. नीचे बैठे लक्ष्मण और एक मजदूर वीरा की मलबे में दबने से मौत हो गई.
इन लोगों ने बंदरों के चलते हैं गंवाई है अपनी जान
वर्ष 2018 के नवंबर माह में रुनकता में एक दुधमुंहे बच्चे को एक बंदर मां की गोद से उठाकर ले गया और उसे पटक कर मार डाला था. वर्ष 2019 के जुलाई माह में माईथान में हरिशंकर गोयल की मौत बंदरों के हमले में हो गई थी. वर्ष 2020 में शाहगंज के आजमपाड़ा में बेटी को बचाने छत पर गए उस्मान पर बंदरों ने हमला कर दिया था. छत से गिरने से उस्मान की मौत हो गई थी.
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