UP PCS में मथुरा की ज्योति शर्मा टॉपर, अयोध्या में BDO हैं, डिप्टी कलक्टर बनेंगी

Smart News Team, Last updated: Sat, 12th Sep 2020, 7:26 AM IST
  • UP PCS 2018 का रिजल्ट घोषित हो गया है. इसमें मथुरा की ज्योति शर्मा ने तीसरा स्थान स्थान हासिल किया है. फिलहाल ज्योति अयोध्या के मिल्कीपुर ब्लॉक में बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने PCS परीक्षा साल 2018 के परिणमों की घोषणा कर दी गई है. इसमें ज्योति शर्मा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है.

आगरा. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने PCS परीक्षा साल 2018 के परिणमों की घोषणा कर दी गई है. इसमें ज्योति शर्मा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. ज्योति मथुरा की रहने वाली हैं और अपने परीक्षा परिणाम से उन्होंने पूरे ब्रज मंडल को गौरवान्वित किया है. ज्योति फिलहाल अयोध्या के मिल्कीपुर ब्लॉक में बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं. 

ज्योति के पिता मांट तहसील के गांव तुला गढ़ी निवासी देवेंद्र कुमार शर्मा पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल हैं और फिलहाल पूरे परिवार के साथ लखनऊ के अलीगंज में रहते हैं. ज्योति शर्मा उनकी बड़ी बेटी हैं और बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की हैं.

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ज्योति ने अपने स्नातक तक की पढ़ाई लखनऊ के आईटीपीजी कालेज से की थी. 2017 में उन्होंने पीसीएस की परीक्षा दी तो अपने पहले ही प्रयास में बीडीओ के पद पर चयनित हो गई. ज्योति फिलहाल अयोध्या जिले के ब्लॉक मिल्कीपुर में बीडीओ के पद पर तैनात हैं. लेकिन ज्योति ने तैयारी नहीं छोड़ी, उनके इरादे तो कुछ और ही थे. ज्योति ने एक बार फिर नए सिरे से तैयारी की और 2018 में पीसीएस की परीक्षा दी. अब अपने इस दूसरे प्रयास में ज्योति पीसीएस की ग्रेडिंग लिस्ट में तीसरा स्थान प्राप्त कर एसडीएम बनी हैं. उनकी इस सफलता की जानकारी मिलने पर उनके परिवार सहित लखनऊ में पड़ौसी और उनके पैतृक गांव तुलागढ़ी में खुशी का माहौल है.

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ज्योति शर्मा का कहना है कि उनकी सफलता में उनके परिवार का सबसे बड़ा योगदान है. उनकी मां हाउस वाइफ हैं. छोटी बहन ओएनजीसी में वैज्ञानिक है, जबकि सबसे छोटा भाई वालीबॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं. ज्योति ने कहा है कि सबसे ज्यादा प्रेरणा अपने पिता में मिलती है. उनके पिता ने पुलिस विभाग में बहुत मेहनत की है और उनके मेहनत देखकर ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. दूसरा यह कि मन में हमेशा लोगों के लिए जमीन पर कुछ काम करने की इच्छा रही थी और इस इच्छा को पूरा करने का सिविल सर्विस से अच्छा जरिया और कोई नहीं हो सकता.

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