कोरोना काल में ड्यूटी पर न जाने वाले 35 कर्मियों पर गिरी गाज, रोडवेज ने निकाला
- कोरोना काल के बीच लॉकडाउन में मिली छूट के बाद आगरा में परिवहन की बसें चल रही हैं। कोरोना संकट में श्रमिक बसों को लाने और ले जाने के लए ड्यूटी पर न आने वाले कर्मचारियों पर गाज गिरी है।
कोरोना काल के बीच लॉकडाउन में मिली छूट के बाद आगरा में परिवहन की बसें चल रही हैं। कोरोना संकट में श्रमिक बसों को लाने और ले जाने के लए ड्यूटी पर न आने वाले कर्मचारियों पर गाज गिरी है। कोरोना संकट के बीच परिवहन निगम ने 40 संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी। श्रमिक बसों को लाने और ले जाने के लिए बुलाने पर कर्मचारियों के ड्यूटी न आने को परिवहन निगम ने कारण बताया है। इससे कर्मचारी नेताओं में आक्रोश है।
कोरोना लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की सकुशल घर वापसी के लिए परिवहन निगम ने अपनी बसें लगाई थीं। इन बसों को गंतव्य तक ले जाने के लिए बड़ी संख्या में चालक-परिचालकों को ड्यूटी पर बुलाया गया, मगर कई कर्मचारी उपस्थित नहीं हुए। रोडवेज प्रबंधन का कहना है कि कई बार इन्हें फोन कर बुलाया भी गया, मगर उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। इन सभी कर्मचारियों की सूचना मुख्यालय भेजी गई थी। बुलाने के बावजूद काम पर उपस्थित न होने पर अब इन कर्मचारियों पर कारवाई की गई है।
रोडवेज प्रबंधन ने फोर्ट डिपो में 07 चालक, परिचालक, ईदगाह डिपो में 15 चालक, फाउंड्री नगर में पांच चालक, वहीं बाह और मथुरा के कुल आठ चालकों- परिचालकों की संविदा समाप्त की है। यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष मो. अली दुलारे ने बताया कि नौकरी जाने वाले कर्मचारियों में कई ऐसे भी हैं जो हॉटस्पॉट में फंसे होने की वजह से ड्यूटी नहीं आ पाए। ऐसे में इन्हें नौकरी से हटाना गलत है। इस बारे में आरएम से बात की गई है। मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसी के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा।
वहीं रोडवेज के आरएम एमके त्रिवेदी ने बताया कि जिन लोगों ने लॉकडाउन में सहयोग नहीं किया हैं उन पर कार्रवाई की गई है। वहीं लॉकडाउन के दौरान चार नियमित कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है।
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