आगरा: चातुर्मास 1 जुलाई से शुरू, शादी-विवाह मांगलिक कार्यों पर 25 नवंबर तक रोक

Smart News Team, Last updated: Fri, 26th Jun 2020, 1:13 PM IST
  • 1 जुलाई से चतुर्मास के शुरू हो जाएगा और शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर 25 नवंबर तक रोक लग जाएगी। शुभ कार्यों की शुरुआत देवोत्थान एकादशी के साथ होगी।
चातुर्मास 1 जुलाई से शुरू हो जाएगा जिस वजह से शादी-विवाह मांगलिक कार्यों पर 25 नवंबर तक रोक लग जाएगी।

आगरा. शुभ मुहूर्त की वजह से कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी ताजनगरी में हिंदू शादियों का सिलसिला जारी है जो अब 1 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाने से थम जाएगा। चतुर्मास के शुरू होने से मांगलिक कार्यों पर 25 नवंबर तक रोक लग जाएगी। अब शुभ कार्यों की शुरुआत देवोत्थान एकादशी के साथ होगी।

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के अनुसार, चातुर्मास का सनातन में अलग ही महत्व है। श्री हरि विष्णु चातुर्मास में शयन करेंगे। 26 नवंबर को उनके जागने पर समाप्ति होगी। खास बात है कि इस चातुर्मास में 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिकमास पड़ेगा। जिस वजह से चातुर्मास के दिनों में और बढ़ोतरी हो गई है। यानी 4 माह चलने वाला चातुर्मास इस बार चार माह 25 दिन तक चलेगा।

ज्योतिषाचार्य मनोज पाराशर के मुताबिक, अधिकमास पंचाग के अनुसार 32 महीने, 16 दिन और 4 घंटे बीतने पर पड़ता है। अब 32 माग बाद यह संयोग बना है , इससे पहले साल 2017 में अधिकमास पड़ा था। अधिकमास में कथा का फल आम दिनों से दोगुना प्राप्त होता है। इसलिए आने वाले चार महीने, जिनमें सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक का माह पड़ता है उस दौरान खान-पान और व्रत के नियम और संयम का पालन करें। इन चार महीने व्यक्ति की पाचनशक्ति कमजोर होती है और खाना-पानी में बैक्टीरिया की तादाद भी बढ़ जाती है।

इन कार्यों से चातुर्मास मास में रहें दूर

पंडित विशाल तिवारी के अनुसार, सावन का महीना चारों में सबसे महत्वपूर्ण है। चातुर्मास के पहले महीने सावन में हरी सब्जी़, भादौ में दही, आश्विन में दूध और कार्तिक में दाल का सेवन नहीं करना चाहिए और मांस-मदिरा को तो भूलकर भी हाथ नहीं लगाना चाहिए।

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