आगरा: ट्रांसपोर्ट बिजनेस को होगा 320 करोड़ का नुकसान, जीवनी मंडी का रास्ता बंद
- आगरा के जीवनी मंडी क्षेत्र में रास्ता बंद करने से ट्रासपोर्टर्स को 320 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि प्रशासन ने रास्ते बंद करने से पहले व्यापारियों को सूचित नहीं किया.
आगरा. ताजनगरी के जीवनी मंडी क्षेत्र में ट्रासपोर्टस कारोबार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है. ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि कारोबारियों को रास्ता बंद करने से पहले नहीं बताया गया. जीवनी मंडी क्षेत्र 100 करोड़ रुपये का माल गोदाम में ही पड़ा है. आगरा में इस जगह आने के लिए करीब 350 वाहन रास्ते में हैं और इनमें 120 करोड़ रुपये का सामान है. अचानक से बंद किए मार्ग को अगर प्रशासन सही नहीं करेगा तो व्यापार बर्बाद हो सकता है.
आगरा गुड्स कैरियर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा कहना है कि प्रोजेक्ट में बेहद लापरवाही नजर आ रही है. काम शुरू करने से पहले इस क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को न तो बताया गया और न ही उनसे अपने इंतजाम करने को कहा गया. अचानक ही बेरिकेडिंग लगा दी गई. इससे जो जहां था, वहीं थम गया.
आगरा पब्लिक कैरियर एसोसिएशन के महामंत्री देवेन्द्र गुप्ता ने कहा कि यह लापरवाही की हद है. कम से कम 15 दिन पहले सूचित किया जाना चाहिए था. जानकारी होने पर कारोबारी अपने सभी माल यहां से बाहर निकालते.
जो माल बाहर से आ रहे हैं उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जाती. यह तरीका ठीक नहीं है कि आनन-फानन में इस मार्ग को बंद कर दिया जाए. सबसे बड़ी दिक्कत है कि गोदाम में ऐसे माल भी हैं जो कि किसी खास समय पर ही बिकते हैं. यदि उनको एक महीने बाद निकालने का मौका मिला तो नहीं बिकेंगे इससे कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे.
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उ.प्र. उद्योग व्यापार मंडल की आगरा इकाई के महामंत्री गिर्राज अग्रवाल ने कहा कि मार्ग बंद करने से पहले जो भी ऐसे कार्य किए जाते हैं, उनको पहले यहां से गुजरने वालों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाती है. उसके बाद ही खुदाई आदि का कार्य होता है. इस मामले में बिना किसी पूर्व सूचना के ही कार्य शुरू कर दिया.
व्यापार मंडल के ही युवा जिलाध्यक्ष राजकुमार गुरनानी ने भी इस पर अपनी राय रखी. इस समय देवेंद्र गुप्ता, मनीष जैन, अजय तिवारी, हरीओम, नरेश वर्मा, विशाल बंसल, अरुण गुप्ता, पंकज जैन आदि शामिल थे.
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इस वजह से क्या दिक्कतें है
- गोदामों में 100 करोड़ रुपये का माल है. इसे जल्द न निकाला तो फेस्टिव सीजन की छोटी मोटी तैयारी भी धरी रह जाएंगी.
- रास्ते में करीब 350 वाहन हैं और अगले कुछ दिन में आगरा आना है. इनमें 120 करोड़ रुपये का माल किस प्रकार से सुरक्षित होगा।
- जो माल आगरा से बुक होकर बाहरी क्षेत्रों की ओर जाते हैं, उनका क्या होगा? इस माल को किस तरह से आगरा से बाहर भेजा जा सकेगा.
- इस क्षेत्र में अधिकतर कंपनियां 500 गज से लेकर 1500 गज के में है. अभी की स्थिति में इतनी जगह मिल पाना संभव नहीं होगा. इन हालातों में ट्रांसपोर्टर गोदाम के माल को कहां ले जाएं।
व्यापारियों का कहना है कि कुछ समाधान तो संभव है. जिससे कि कम नुकसान हो. कारोबारियों का कहना है कि कृष्णा कॉलोनी मोड़ से लेकर जीवनी मंडी चौराहे तक का मार्ग खोल जाए. इससे क्षेत्र की 80 फीसदी के करीब ट्रांसपोर्ट कंपनियां अपने माल निकाल लेंगी. जो माल बाहर से आ रहे हैं, उनको भी अनलोड करके भिजवाया जा सकेगा. मांगें प्रोजेक्ट इंचार्ज आरके सिंह के समक्ष भी रखी गई हैं. उन्होंने कारोबारियों से एक दो दिन में फिर बात करने को कहा है.
कुछ पर सहमति बन सकती है जैसे कि पाइपलाइन के लिए एक बार में 50 मीटर क्षेत्र की खुदाई होती है यदि क्षेत्र को ही बंद किया जाए तो काफी हद तक समाधान निकल सकता है. व्यापारियों को अपने माल खाली करने का समय मिल जाएगा.
- रात के समय में ट्रैफिक नहीं होता और तो इस समय गाड़ियां पहले की तरह अंदर आने जाने दी जाए. इसी समय गाड़ी को वापस निकलने दिया जाए. जो दिन में टेंपो से माल सप्लाई किया जाता है उसको डाक खाने वाली गली से अंदर आने दिया जाए और जीवनी मंडी चौराहे से बाहर जाने की अनुमति दी जाए.
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